Uttar Pradesh GK

Welcome to student nielit इस पेज में आपको उत्तर प्रदेश का पूरा जनरल नॉलेज मिलेगा जैसे की उत्तर प्रदेश का इतिहास उत्तर प्रदेश के मुख्या शहर उत्तर प्रदेश में पहला कोण ये पूरा नॉलेज आपको आनेवाली सभी स्पर्धात्मक परीक्षा में काम आनेवाला हे.

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GK QUIZ

GK ONLINE TEST ON INDIAN HISTORY

1 / 25

अमीर खुसरो किस शासक के दरबारी कवि थे ? (UPPCS 1995 मे पूछा गया प्रश्न )

2 / 25

विश्व में किसी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री कौन थी ? (MPPCS 1995 मे पूछा गया प्रश्न )

3 / 25

दिल्ली में केन्द्रीय सचिवालय के उत्तरी और दक्षिणी खण्डों का वास्तुविद् कौन था ? (SSC Grad 2004 मे पूछा गया प्रश्न )

4 / 25

विश्व पर्यावरण दिवस निम्नलिखित में से किस तारीख को मनाया जाता है ? (CPO SI 2003 मे पूछा गया प्रश्न )

5 / 25

संक्षिप्त शब्द RDX से तात्पर्य है (RRB 2009 मे पूछा गया प्रश्न )

6 / 25

IDRA का पूर्ण रूप क्या है ? (SSC Grad 2007 मे पूछा गया प्रश्न )

7 / 25

NSG का पूरा रूप क्या है ? (RRB TC 2008 मे पूछा गया प्रश्न )

8 / 25

मालगुडी डेज' किसकी रचना है ? (UPPCS (Pre) 1993 मे पूछा गया प्रश्न )

9 / 25

भारतीय राष्ट्रवाद के नीतिपरक आधार के पक्ष में तर्क प्रस्तुत करने लिए भारत में कई राष्ट्रवादी नेताओं ने भगवदगीता पर टीकाएँ लिखीं । इनमें से कौन इसका अपवाद है ? (CDS 2013 मे पूछा गया प्रश्न )

10 / 25

पाउडर मैटलर्जी और ने पदार्थों का आन्तर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसन्धान केन्द्र (ARCI) कहाँ अवस्थित है ? (CDS 2008 मे पूछा गया प्रश्न )

11 / 25

वाणिज्य विभाग के अन्तर्गत प्राचीनतम बोर्ड निम्नलिखित में कौन-सा है ? (CDS 2008 मे पूछा गया प्रश्न )

12 / 25

तरल प्रनोदन तंत्र केन्द्र निम्नलिखित में से किस एक स्थान पर अवस्थित है ? (Astt Comm 2008 मे पूछा गया प्रश्न )

13 / 25

निम्नलिखित में से कौन-सा एक, ISRO द्वारा हाल ही में विकसित किया गया तीव्रतम भारतीय सुपर कम्प्यूटर है ? (CDS 2012 मे पूछा गया प्रश्न )

14 / 25

निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही है ? (CDS 2012 मे पूछा गया प्रश्न )

15 / 25

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन स्तनधारियों के लिए सत्य नहीं है ?(CDS 2015 मे पूछा गया प्रश्न )

16 / 25

निम्नलिखित में से कौन-सा रोग विषाणुओं के कारण नहीं होता है ? (CDS 2009 मे पूछा गया प्रश्न )

17 / 25

चेहरे के घाव से अत्यधिक रक्तस्त्राव किस कारण होता है ?(NDA 2009 मे पूछा गया प्रश्न )

18 / 25

प्रेशर कूकरों का हैण्डल प्लास्टिक का बना होता है, क्योंकि इसको ऊष्मा का कुचालक बनाया जाना चाहिए । इसमें कौन-सा प्लास्टिक प्रयुक्त होता है, जोकि प्रथम मानव-निर्मित प्लास्टिक है ? (CDS 2016 मे पूछा गया प्रश्न )

19 / 25

आधुनिक मोटरगाडियों के बाह्य पश्चदृश्य दर्पण (रियरव्यू मिरर) पर चेतावनी "दर्पण में दिखाने वाली वस्तुएँ जितनी दूर दिख रही है, उसमे समीप हैं" लिखी होती है ऐसे दर्पण (CDS 2015 मे पूछा गया प्रश्न )

20 / 25

पार्थीव दूरबीन और खगोलीय दूरबीन में मूल अन्तर क्या है ? (NDA 2006 मे पूछा गया प्रश्न )

21 / 25

किसी आवर्ती दोलत के लिए, संवेग p तथा विस्थापन q के मध्य ग्राफ कैसा होगा ? (CDS 2014 मे पूछा गया प्रश्न )

22 / 25

कोई पिण्ड अवतल दर्पण के फोकस पर रखा है । इसका प्रतिबिम्ब क्या होगा ? (NDA 2013 मे पूछा गया प्रश्न )

23 / 25

निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही है ? ध्वनि का वेग (CDS 2016 मे पूछा गया प्रश्न )

24 / 25

न्यूनतम आवश्यकताओं' की संकल्पना निम्नलिखित पंचवर्षीय योजनाओं में से किस एक का नवोत्पाद था ? (CDS 2006 मे पूछा गया प्रश्न )

25 / 25

भारत में योजना अवकाश था (CPF AC 2003 मे पूछा गया प्रश्न )

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उत्तर प्रदेश का इतिहास Utttar Pradesh gk
उत्तर प्रदेश को भारत का सांस्कृतिक गढ़ माना जाता है। उत्तर प्रदेश में समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है और यह बताना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश का इतिहास वर्तमान उत्तर प्रदेश की जीवन शैली को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत पुराना और आकर्षक है और इसका भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर बहुत प्रभाव पड़ा।
उत्तर प्रदेश के इतिहास को उस काल में खोजा जा सकता है जब आर्यों ने अपना आगमन किया और जिसे वे “मध्यदेश” या मध्य देश कहते थे, में बस्तियाँ स्थापित करना शुरू किया। उत्तर प्रदेश में समय के साथ-साथ कई राज्यों पर शासन किया गया। कोशों का नियम विशेष महत्व है। राजा दशरथ और उनके उत्तराधिकारी राम राज्य के शानदार शासक थे।
1 शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में यह कुछ समय था जब उत्तर प्रदेश ने भगवान बुद्ध के आगमन और बौद्ध धर्म के प्रसार को देखा। भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला धर्मोपदेश दिया, उस समय मगध शासन था। बाद में सत्ता को नंदा राजवंश और फिर मौर्यों में स्थानांतरित कर दिया गया। हालाँकि यह शहर हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान अपने गौरव के शिखर तक पहुँच गया था।
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का मुस्लिम शासन के आगमन के साथ बहुत कुछ है। वह काल राजपूतों की अधीनता का गवाह था, जिसकी सत्ता राजस्थान के कुछ इलाकों तक सीमित थी। उत्तर प्रदेश मुगल शासन के दौरान और विशेष रूप से सम्राट अकबर के शासन के दौरान समृद्धि के चरम पर पहुंच गया। यह मुगल शासन के दौरान ही उत्तर प्रदेश ने अपने कुछ सबसे शानदार स्मारकों के निर्माण को देखा था जिनके नाम उत्तर प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किए गए हैं।
समय के साथ, उत्तर प्रदेश ने मुगल शासन की पतनशीलता और अंग्रेजों के आगमन को देखा। मुगल प्रभाव दोआब क्षेत्र तक ही सीमित था। 1857 के सिपाही विद्रोह में

• ईसापूर्व छटी और चौथी सदी के दौरान गौतम बुद्ध ने भी वाराणसी के सारनाथ में पहली बार धर्मोपदेश किया था।

• गौतम बुद्ध ने बौध्द धर्म की स्थापना की थी। बुद्ध द्वारा कुशीनगर पर परिनिर्वाण लिया गया।

• 12 वी सदी में मुज़ल्दीन मुहम्मद इब्न सैम (मुहम्मद घुरी) ने उत्तर प्रदेश के गहड़वालों को पराजित किया।

• करीब 600 सालों तक उत्तर प्रदेश में केवल मुस्लीम वंश के लोगो का ही शासन रहा।

• सन 1526 में बाबर ने दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोधी को हराकर दिल्ली में मुस्लीम वंश के शासन की स्थापना की।

• उत्तर प्रदेश में 200 सालों से अधिक समय तक मुगलों ने शासन किया।

• अकबर बादशाह ने आगरा के नजदीक में अपनी नयी राजधानी फतेहपुर सिकरी की स्थापना की थी।

• अकबर के पोते शाहजहाँ ने पत्नी की याद में आगरा में दुनिया की सबसे खुबसूरत ईमारत ताज महल बनाया था।

• 18 वी सदी और 19 वी सदी के मध्य के 75 साल के समय में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने उत्तर प्रदेश का पूरा हिस्सा कब्जे में कर लिया था।

[td_smart_list_end]• सन 1950 में भारत का नया संविधान बनने के बाद संयुक्त प्रान्त का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया।

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उत्तर प्रदेश में सबसे पहले क्या हुवा Utttar Pradesh gk

• प्रथम महिला मुख्यमंत्राी – सुचेता कृपलानी (Born: 25 June 1904, Ambala ) मृत्यु: 1 December 1974, New Delhi

प्रथम महिला राज्यपाल – श्रीमती सरोजनी नायडू (Born: 13 February 1879, Hyderabad
मृत्यु: 2 March 1949, Lucknow )

• प्रथम मुख्यमंत्री – श्री गोविन्द बल्लभ पंत
(पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त या जी॰बी॰ पन्त (जन्म १० सितम्बर १८८७ – ७ मार्च १९६१) प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया था )
• प्रथम हिंदी दैनिक समाचार पत्र हिन्दोस्तान का प्रकाशन – 1887 ई मे प्रतापगढ़ में
• प्रथम हिंदी साप्ताहिक ‘बनारस अखबार’ का प्रकाशन – जनवरी 1945 में काशी बनारस में
• प्रथम अंग्रेजी दैनिक ‘लीडर’ का प्रकाशन – सन 1990 ई में पं. मदनमोहन मालवीय ने इलाहाबाद से शरू किया था
• प्रथम विश्व विदयालय – इलाहाबाद विश्वविद्यालय

( इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत के उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित एक सार्वजनिक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। यह 23 सितंबर 1887 को स्थापित किया गया था, यह भारत के सबसे पुराने आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक है। )
• प्रथम संस्कृत महाविदयालय की स्थापना – 1791 में बनारस में रेजिडेंट डेकन ने की थी
• उत्तर प्रदेश तथा भारत की आर्मी की प्रथम महिला ब्रिगेड – रानी झांसी
• रानी झांसी ब्रिगेड कब बनी – 23 अक्टूबर 1943 ई

हिंदी के प्रथम गंभीर चिन्तन निबंधकार और आलोचक – आचार्य रामचंद्र शुक्ल
अनुसूचीत जाती की पहली महिला मुख्यमंत्री – मायावती प्रभु दास
• भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में 1956 ई मे प्रथम खेलकूद परिषद की स्थापना हुई
• प्रदेश की पहली महिला वकील – कारनेलिया सोराबजी
(कार्नेलिया सोराबजी एक भारतीय वकील, समाज सुधारक और लेखिका थीं। वह बॉम्बे विश्वविद्यालय से पहली महिला स्नातक थीं, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन करने वाली पहली महिला थीं, और पहली महिला थीं )
• भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में सर्व प्रथम ट्रैक्टर का प्रयोग उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खोरी में सरदार जोगेंद्र सिंह ने 1904 में किया था
• भारत वर्ष तथा उत्तर प्रदेश में सबसे पहली सीधी ट्रंक डयलिंग सेवा लखनऊ कानपुर के बीच 26 नवम्बर 1960 ई को शुरु की गई थी
• भारत का पहला ग्रामीण बैंक मुरादाबाद और गोरखपुर में 2 अक्टुंबर 1975 को खुला
• भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क 1936 में स्थापित हेली पार्क है जिसे आजादी के बाद रामगंगा पार्क नाम मिला, और आज जिसे जिम कार्बेट नेशनल पार्क ( जो अब उत्तराखण्ड में है )
• भारत में सर्व प्रथम उर्दू अकॅडेमी की शुरुवात उत्तर प्रदेश में हुई
(उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है। साथ ही तेलंगाना, दिल्ली, बिहार] और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ

1 रामगंगा नदी (Ramganga River)

2 गोमती नदी (Gomti River)

3 गंगा नदी (Ganga River)

4 यमुना नदी (Yamuna River)

5 कैन नदी (Cane River)

6 गण्डक नदी (Gandak River)

7 राप्ती नदी (Rapti River)

8 घाघरा (सरयू) नदी (Ghagarra (Saryu River)

9 शारदा नदी (काली नदी) (Sharda (Kali River)

10 चम्बल नदी (Chambal River)

11 सोन (स्वर्ण नदी) (Son (Svarn River)

12 बेतवा नदी (Betwa River)

1. रामगंगा नदी (Ramganga River)
उद्गम स्थल – रामगंगा नैनीताल जनपद के समीप
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड
लम्बाई (किमी) – 596
सहायक नदियाँ – कोह

गनाई से निकलकर, यह तल्ला गिरवर क्षेत्र की ओर बहती है, जहां नदी के साथ और आसपास जलोढ़ भूमि के साथ एक खुली घाटी है, जो नदी के पानी से बड़े पैमाने पर खेती और सिंचाई की जाती है। मासी के बाद, घाटी कुछ हद तक सिकुड़ जाती है, लेकिन कुछ उपजाऊ मैदान अभी भी ब्रिथाकेदार मंदिर तक पाए जाते हैं। यहाँ यह विनोद नदी को प्राप्त करता है, जो चौकोट से निकलती है, और इस बिंदु से नदी का प्रवाह दक्षिण की ओर मुड़ जाता है, और उपजाऊ मिट्टी और चट्टानों से भरे पहाड़ों को नदी के दोनों ओर देखा जा सकता है। मासी से ग्यारह मील आगे, यह भिकियासैंण तक पहुँचता है, जहाँ यह पूर्व से गगास और दक्षिण में नौरगढ़ से प्राप्त करता है। यहां घाटी एक बार फिर से चौड़ी हो गई है, लेकिन सिंचाई अभी भी मुख्य रूप से मामूली धाराओं पर निर्भर करती है। भिकियासैंण से नदी पश्चिम की ओर एक तीव्र मोड़ लेती है और गढ़वाल से साल्ट और देवगढ़ से नेल नदी को प्राप्त करती है। यह मरचुला पुल के बाद कुछ हद तक अल्मोड़ा और पौड़ी गढ़वाल जिलों की सीमा बनाता है।

2. गोमती नदी (Gomti River)
उद्गम स्थल – पीलीभीत जनपद
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश
लम्बाई (किमी) – 475
सहायक नदियाँ – सई, जोमकाई, बर्ना, गच्छई, चुहा
गोमती, गुमटी या गोमती नदी गंगा की एक सहायक नदी है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, नदी ऋषि वशिष्ठ की बेटी है और एकादशी (हिंदू कैलेंडर माह के दो चंद्र चरणों के ग्यारहवें दिन) में गोमती में स्नान करने से पापों को धोया जा सकता है। [१] भागवत पुराण के अनुसार हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक कार्यों में से एक, गोमती भारत की पारवर्ती नदियों में से एक है। दुर्लभ गोमती चक्र वहाँ पाया जाता है।

3. गंगा नदी (Ganga River)
उद्गम स्थल – केदारनाथ चोटी के उत्तर में गऊमुख (गौमुख) नामक स्थान पर 6,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हिमानी
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पं० बंगाल एवं बांग्लादेश
लम्बाई (किमी) – 2510 KM
सहायक नदियाँ – अलकनन्दा, भागीरथी, रामगंगा, यमुना, गोमती, घाघरा, गण्डक, कोसी
गंगा हिंदुओं की सबसे पवित्र नदी है। यह उन लाखों भारतीयों के लिए एक जीवन रेखा है जो इसके पाठ्यक्रम के साथ रहते हैं और अपनी दैनिक जरूरतों के लिए इस पर निर्भर हैं। इसे हिंदू धर्म में देवी गंगा के रूप में पूजा जाता है। यह कई पूर्व प्रांतीय या शाही राजधानियों (जैसे पाटलिपुत्र, कन्नौज, कारा, काशी, पटना, हाजीपुर, मुंगेर, भागलपुर, मुर्शिदाबाद, बहरामपुर, कांपिल्य और कोलकाता) के साथ ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण रहा है। इसके बैंक। गंगा का मुख्य तना देवप्रयाग शहर में शुरू होता है, अलकनंदा के संगम पर, जो कि जल विज्ञान में इसकी अधिक लंबाई के कारण स्रोत धारा है, और भागीरथी, जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं में स्रोत धारा माना जाता है।
गंगा को गंभीर प्रदूषण का खतरा है। इससे न केवल इंसानों को बल्कि जानवरों को भी खतरा है; गंगा मछलियों की लगभग 140 प्रजातियों और उभयचरों की 90 प्रजातियों का घर है। नदी में सरीसृप और स्तनधारी भी शामिल हैं, जिनमें गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं जैसे घड़ियाल और दक्षिण एशियाई नदी डॉल्फ़िन। वाराणसी के पास नदी में मानव अपशिष्ट से फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर भारत सरकार की आधिकारिक सीमा से सौ गुना से भी अधिक है। गंगा एक्शन प्लान, नदी को साफ करने के लिए एक पर्यावरणीय पहल, जिसे एक विफलता माना जाता है, जिसे विभिन्न प्रकार से भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, सरकार में इच्छाशक्ति की कमी, खराब तकनीकी विशेषज्ञता, पर्यावरण नियोजन और मूल धार्मिक अधिकारियों के समर्थन की कमी है।
गंगा को गंभीर प्रदूषण का खतरा है। इससे न केवल इंसानों को बल्कि जानवरों को भी खतरा है; गंगा मछलियों की लगभग 140 प्रजातियों और उभयचरों की 90 प्रजातियों का घर है। नदी में सरीसृप और स्तनधारी भी शामिल हैं, जिनमें गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं जैसे घड़ियाल और दक्षिण एशियाई नदी डॉल्फ़िन। वाराणसी के पास नदी में मानव अपशिष्ट से फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर भारत सरकार की आधिकारिक सीमा से सौ गुना से भी अधिक है। गंगा एक्शन प्लान, नदी को साफ करने के लिए एक पर्यावरणीय पहल, जिसे एक विफलता माना जाता है, जिसे विभिन्न प्रकार से भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, सरकार में इच्छाशक्ति की कमी, खराब तकनीकी विशेषज्ञता, पर्यावरण नियोजन और मूल धार्मिक अधिकारियों के समर्थन की कमी है।

4. यमुना नदी (Yamuna River)
उद्गम स्थल – बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल के जमुनोत्री (यमुनोत्री) नामक स्थान पर 6,315 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हिमानी
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली
लम्बाई (किमी) – 1,376
सहायक नदियाँ – गिरी, असम, चम्बल, बेतवा, केन

यमुना (हिंदुस्तानी: उच्चारित [जमुना]) गंगा की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी और भारत की सबसे लंबी सहायक नदी है। उत्तराखंड में लोअर हिमालय के बांदरपोख चोटियों के दक्षिण-पश्चिमी ढलान पर 6,387 मीटर (20,955 फीट) की ऊंचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलते हुए, यह 1,376 किलोमीटर (855 मील) की कुल लंबाई की यात्रा करता है और इसमें 366,223 वर्ग किलोमीटर का ड्रेनेज सिस्टम है। (141,399 वर्ग मील), पूरे गंगा बेसिन का 40.2%। यह त्रिवेणी संगम, प्रयागराज में गंगा के साथ विलीन हो जाता है, जो हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक हिंदू त्योहार कुंभ मेला है होता हे.

5. कैन नदी (Ken River)
उद्गम स्थल – सतना जनपद (मध्य के प्रदेश) में कैमूर पहाड़ियाँ
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश तथा दक्षिणी उत्तर प्रदेश
लम्बाई (किमी) – 427 KM

केन नदी कटनी जिले में बरनेर रेंज के उत्तर-पश्चिम ढलान पर अहिरगावन गांव के पास से निकलती है और 427 किमी की दूरी तय करती है, जो उत्तर प्रदेश में जिला बांदा के चिल्ला गांव में यमुना के साथ विलय से पहले 25 ° 46 near एन 80 ° 31′E

केन में 28,058 किमी 2 का समग्र जल निकासी बेसिन है, जिसमें से 12,620 किमी 2 सोनार नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जिसका पूरा बेसिन मध्य प्रदेश में स्थित है; और इसके 427 किलोमीटर (265 मील) के रास्ते में यह बावड़ियों, देवर, कैथ और बैनक जैसे अपने स्वयं के सहायक नदियों से पानी प्राप्त करता है, और दाईं ओर कोपरा और बेर्मा। 427 किलोमीटर (265 मील) की कुल लंबाई में से यह 292 किलोमीटर (181 मील) मध्य प्रदेश में बहती है, उत्तर प्रदेश में 84 किलोमीटर (52 मील) और 51 किलोमीटर (32 मील) दोनों राज्यों के बीच सीमा बनाती है।

बिजावर-पन्ना पहाड़ियों को पार करते हुए केन नदी 60 किमी लंबी और 150-180 मीटर गहरी खाई काटती है। इस जलप्रपात से केन में कई धाराएँ जुड़ती हैं। केन घाटी रीवा पठार को सतना पठार से अलग करती है।

6. गण्डक नदी (Gandak River)
उद्गम स्थल – तिब्बत-नेपाल सीमा पर धौलागिरि पर्वत श्रेणी
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – नेपाल में सालिग्रामी नाम से उत्तर प्रदेश-बिहार की सीमा रेखा और बिहार का मैदानी क्षेत्र
लम्बाई (किमी) – 814 KM
सहायक नदियाँ – काली गण्डक, त्रिशूली गंगा
गंडकी नदी, जिसे नारायणी और गंडक के रूप में भी जाना जाता है, नेपाल की प्रमुख नदियों में से एक है और भारत में गंगा की एक सहायक नदी है। इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 46,300 किमी 2 (17,900 वर्ग मील) है, इसका अधिकांश भाग नेपाल में है। नेपाल हिमालय में, यह गहरी घाटी के लिए उल्लेखनीय है। बेसिन में 8,000 मीटर (26,000 फीट) से अधिक के तीन पर्वत हैं, अर्थात् धौलागिरि, मनासलू और अन्नपूर्णा I. धौलागिरि गंडकी बेसिन का उच्चतम बिंदु है।

7. राप्ती नदी (Rapti River)
उद्गम स्थल – रूकुमकोट (नेपाल)
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तरी-पूर्वी उत्तर प्रदेश
लम्बाई (किमी) – 600 KM
पश्चिम राप्ती मध्य-पश्चिमी क्षेत्र, नेपाल के राप्ती क्षेत्र, फिर अवध और पूर्वांचल के उत्तर प्रदेश राज्य, भारत में घाघरा – नेपाल के अंदर कर्ण के रूप में जानी जाने वाली गंगा की एक प्रमुख बाईं तट सहायक नदी में शामिल होने से पहले बहती है।

पश्चिम राप्ती जनाजाती जातीय समूहों के लिए उल्लेखनीय है – खाम मागर इसके ऊँचे स्रोतों के बीच और फिर इनर तराई देवखुरी घाटी में थारू, इसकी सिंचाई और जलविद्युत क्षमता के लिए, और आवर्तक बाढ़ के लिए इसके उपनाम “गोरखपुर का सोर” भी हे

8. घाघरा (सरयू) नदी (Ghagarra (Saryu River)
उद्गम स्थल – तिब्बत में मानसरोवर के समीप भारचाचुंगर मिनद राक्षसताल
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – नेपाल, उत्तर प्रदेश
लम्बाई (किमी) – 350 KM
सहायक नदियाँ – राप्ती, शारदा, छोटी गण्डक
वह सरयू सरमूल (या सरमूल) में उगता है, जो उत्तराखंड के बागेश्वर के उत्तर में नंद कोट के एक ढलान के दक्षिणी ढलान पर स्थित है। यह कुमाऊं हिमालय से होकर बहती है, जो पंचेश्वर में शारदा नदी में बहने से पहले कपकोट, बागेश्वर और सेराघाट शहरों से गुजरती है।

9. शारदा नदी (काली नदी) (Sharda (Kali River)
उद्गम स्थल – तिब्बत के सीमान्त पूर्वोत्तर कुमायूँ के निकट मिलाप हिमनद
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – उत्तराखण्ड
लम्बाई (किमी) – 350 KM
सहायक नदियाँ – धर्या, लिसार, सरयू, पूर्वी रामगंगा, ऊल, हिमनद चौका, दहावर, सुहेली.

शारदा नदी, जिसे काली नदी और महाकाली नदी भी कहा जाता है, भारत में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 3,600 मीटर (11,800 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय में कालापानी से निकलती है। यह भारत के साथ नेपाल की पश्चिमी सीमा के साथ बहती है और इसका बेसिन क्षेत्र 14,871 किमी 2 (5,742 वर्ग मील) है। यह घाघरा नदी, गंगा की एक सहायक नदी में मिलती है। [१] यह गंजी में दो नदियों के संगम से काली नदी का नाम लेता है क्योंकि यह पहाड़ियों से बहती है। टनकपुर के पास ब्रह्मदेव मंडी के बाद, यह तराई के मैदानों में प्रवेश करती है, जहाँ इसे शारदा नदी कहा जाता है।

10. चम्बल नदी (Chambal River)
उद्गम स्थल – मध्य प्रदेश में मऊ के समीप विंध्य पर्वतमाला की जनापाव पहाडी
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम तथा मन्दसौर जनपद तथा मुरैना जनपद की उत्तरी सीमा, राजस्थान के कोटा, बूंदी, धौलपुर जनपद
लम्बाई (किमी) – 1024 KM
सहायक नदियाँ – काली सिन्ध, सिप्ता, पार्वती, बनास, नेवाज, क्षिप्रा, दूधी.
चंबल नदी मध्य भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है, और इस प्रकार यह अधिक से अधिक गंगा जल निकासी प्रणाली का हिस्सा बनती है। यह नदी मध्य प्रदेश से होकर उत्तर-पूर्व में बहती है, राजस्थान से होकर कुछ समय के लिए बहती है, फिर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के लिए दक्षिण-पूर्व की ओर मुड़ने से पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच की सीमा बनाती है। [२]

यह एक पौराणिक नदी है और प्राचीन शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है। बारहमासी चंबल की उत्पत्ति मध्य प्रदेश में विंध्य रेंज के दक्षिण ढलान पर, मानपुर इंदौर के पास, महू शहर के दक्षिण में जनपव में हुई है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र को बहाती हैं, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली रेंज में उगती है, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में बहती है। यह पांच नदियों का संगम समाप्त करती है, जिसमें चंबल, क्वारी, यमुना, सिंध, पाहुज, उत्तर प्रदेश राज्य में भारेन के पास पचनदा, भिंड और इटावा जिलों की सीमा पर स्थित हैं।

चंबल नदी को प्रदूषण मुक्त माना जाता है, [3] और एक अद्भुत नदी के जीवों के समूह को सम्मिलित करता है जिसमें मगरमच्छों की 2 प्रजातियाँ शामिल हैं – मग्गर और घड़ियाल, ताजे पानी के कछुओं की 8 प्रजातियाँ, चिकनी-लेपित टरबाइनर्स, गैंगेटिक रिवर डॉल्फ़िन, स्किमर्स, ब्लैक-बेलिड टर्नर्स , सारस क्रेन और काले गर्दन वाले सारस, अन्य।

11. सुवर्णरेखा नदी
उद्गम स्थल – अमरकण्टक की पहाड़ियों में सोनभद्रं जनपद
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – मध्य प्रदेश के सीथी और रीवा जनपद तथा बिहार के पालामऊ, औरंगाबाद तथा भोजपुर जनपद
लम्बाई (किमी) – 784
सहायक नदियाँ – महानदी, बांस, गोफ्त, रिहन्द, कांकर, उत्तरी कोयल, कांहर, घघर

यह राँची नगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव में रानी चुआं नामक स्थान से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोड़कर प्रपात के रूप में गिरती है। इस प्रपात (झरना) को हुन्डरु जलप्रपात (hundrughagh) कहते हैं। प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्टि होती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुँचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किलोमीटर है और लगभग 28928 वर्ग किलोमीटर का जल निकास इसके द्वारा होता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ काँची एवं कर्कारी हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ। कारखाने के संस्थापक जमशेद जी टाटा के नाम पर बसा यहाँ का नगर जमशेदपुर या टाटानगर कहा जाता है। अपने मुहाने से ऊपर की ओर यह 16 मील तक देशी नावों के लिए नौगम्य (navigable) है।

12. बेतवा नदी (Betwa River)
उद्गम स्थल – रायसेन जनपद (मध्य प्रदेश) के कुमरा गाँव के समीप विंध्य पर्वतमाला
प्रमुख प्रदेश/क्षेत्र जहाँ से होकर बहती है – भोपाल, विदिशा, गुना, टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) तथा ललितपुर, झाँसी तथा हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)
लम्बाई (किमी) – 590 KM
सहायक नदियाँ – धसान, बीना.
बेतवा (हिंदी: बेतवा, संस्कृत: वेरावती) उत्तरी भारत में एक नदी है, और यमुना की एक सहायक नदी है। यह मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के ठीक उत्तर में विंध्य रेंज (रायसेन) में उगता है और उत्तर-पूर्व में मध्य प्रदेश और ओरछा से उत्तर प्रदेश में बहता है। इसका लगभग आधा हिस्सा, जो कि नौगम्य नहीं है, मालवा पठार पर चलता है। ओरछा के आसपास के क्षेत्र में बेतवा और यमुना नदियों का संगम उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिला है।
भारतीय नौसेना ने बेतवा नदी के सम्मान में अपने एक फ्रिगेट आईएनएस बेतवा का नाम रखा।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख झीलें / ताल

1. जिर्गो व सिरसी जलासय, टांडा डरती ताल – मिर्ज़ापुर
2. भुगेताल व विसैथाताल – रायबरेली
3. लिलौर झील – बरेली
4. रामगढ़ताल व चिलुवाताल – गोरखपुर
5. बखिरा झील – संत कबीर नगर
6. करेला व इतौजा झील – लखनऊ
7. नवाबगंज झील, कुंद्रा समुन्द्र – उन्नाव
8. पयाग झील – बहराइच
9. बड़ाताल – शाहजहाँपुर
10. ठिठोरा झील, मोराय ताल – फतेहपुर
11. बेती, अजगरा व नइया झील – प्रतापगढ़
12. सुरहा ताल – बलिया
13. कीमठ ताल – आगरा
14. शेख झील – अलीगढ़
15. मोती और गौर झील – रामपुर
16. शुक्रताल – मुज़फ्फरनगर
17. रामताल – मेरठ
18. गोविन्द बल्लभ पंत सागर – सोनभद्र
19. अलवारा झील (विदेशी पक्षियों का आगमन स्थल) – कोशाम्बी
20. बल हापारा – कानपुर
21. लक्ष्मीताल, बरुआसागर व भसनेह जलाशय – झाँसी
22. सागर ताल – बदायु
23. औंधी ताल – वाराणसी
24. राजा का बांध, लौंधी व भोजपुर ताल – सुल्तानपुर
25. नौह झील – मथुरा
26. दरवन झील – फैज़ाबाद
27. मदन सागर – महोबा
28. भीखा झील – इटावा
29. सीता कुण्ड (मिश्रिख), चक्र कुण्ड (नौमिष) – सीतापुर
30. सीताकुण्ड, भरतकुण्ड – अयोध्या
31. राधाकुण्ड, श्यामकुण्ड, गोविन्द कुण्ड व मानसी गंगा कुण्ड – गोवर्धन, मथुरा
32. कोकिला कुण्ड, कृष्णा कुण्ड – कोकिला वन, मथुरा
33. पंगैली फुल्हर या गोमती ताल – पीलीभीत
34. दहर झील, भिजवान झील – हरदोई
35. देवरिया ताल – कनौज

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उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

1 मथुरा
2 इलाहाबाद
3 गाज़ियाबाद
4 वाराणसी
5 सारनाथ
6 जौनपुर
7 मेरठ
8 बहराइच
9 सीतापुर
10 फ़ैज़ाबाद
11 मिर्ज़ापुर
12 कुशीनगर
13 गोंडा
14 आगरा
15 लखनऊ
16 हरदोई
17 कौशांबी
18 बुलन्दशहर
19 कानपुर

मथुरा
कृष्ण जन्मभूमि • द्वारिकाधीश मन्दिर • विश्राम घाट • केशी घाट • बांके बिहारी मन्दिर • गोविन्द देव मन्दिर • मदन मोहन मन्दिर • रंगनाथ जी मन्दिर • इस्कॉन मन्दिर • कुसुम सरोवर • मानसी गंगा • राधाकुण्ड • संकेत • हरिदेव जी मन्दिर • दानघाटी • ब्रह्माण्ड घाट • दाऊजी का मन्दिर • प्रेम मन्दिर.

इलाहाबाद
देखने लायक स्थल :- संगम • गुरावली घाट • अल्फ़्रेड पार्क • इलाहाबाद क़िला • कड़ा • अशोक स्तम्भ • स्वराज भवन • आनंद भवन • गढ़वा • हनुमान मंदिर • इलाहाबाद संग्रहालय.
भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर, इलाहाबाद जिला का प्रशासनिक मुख्यालय तथा हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। इसका प्राचीन नाम ‘प्रयाग’ है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। यहाँ हर छह वर्षों में अर्द्धकुम्भ और हर बारह वर्षों पर कुम्भ मेले का आयोजन होता है जिसमें विश्व के विभिन्न कोनों से करोड़ों श्रद्धालु पतितपावनी गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। अतः इस नगर को संगमनगरी, कुंभनगरी, तंबूनगरी आदि नामों से भी जाना जाता है। सन् 1500 की शताब्दी में मुस्लिम राजा द्वारा इस शहर का नाम प्रयागराज से बदलकर इलाहाबाद किया था जिसे सन् अक्टूबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वापस बदलकर प्रयागराज कर दिया।[2] हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के ‘प्र’ और ‘याग’ अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ वेणीमाधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विद्यमान हैं जिन्हें ‘द्वादश माधव’ कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं।
प्रयागराज (इलाहाबाद) में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा प्रयागराज को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। जवाहरलाल शहरी नवीयन मिशन पर मिशन शहरों की सूची व ब्यौरे और यहां पर उपस्थित आनन्द भवन एक दर्शनीय स्थलों में से एक है।

गाज़ियाबाद
गणमुक्तिश्वर महादेव का मंदिर • गंगा मंदिर • मीराबाई की रेती • ब्रज घाट • झारखंडेश्वर महादेव • कल्याणेश्वर महादेव का मंदिर.

ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है और दिल्ली के पूर्व और मेरठ के दक्षिणपश्चिम में स्थित है। ग़ाज़ियाबाद में ग़ाज़ियाबाद जिले का मुख्यालय स्थित है। स्वतंत्रता से पहले ग़ाज़ियाबाद जिला, मेरठ जिले का भाग था पर स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् राजनैतिक कारणों से इसे एक पृथक जिला बनाया गया। ग़ाज़ियाबाद का नाम इसके संस्थापक ग़ाज़ीउद्दीन के नाम पर पड़ा है, जिसने इसका नाम अपने नाम पर ग़ाज़ीउद्दीननगर रखा था, लेकिन बाद में, इसका नाम छोटा करके ग़ाज़ियाबाद कर दिया गया।

वाराणसी
विश्वनाथ मन्दिर • भारत माता मन्दिर • दूध का कर्ज़ मंदिर • अन्नपूर्णा मंदिर • साक्षी गणेश मंदिर • काशी विशालाक्षी मंदिर • केदारेश्वर मंदिर • विष्णु चरणपादुका • भैरव मंदिर • सीता मंदिर • मारकण्डेय महादेव मंदिर • विंध्याचल मंदिर • काशी हिन्दू विश्वविद्यालय • भारत कला भवन वाराणसी • धूतपाप.
वाराणसी कई हज़ार वर्षों से उत्तर भारत का एक सांस्कृतिक केंद्र रहा है, और गंगा के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। हिंदुओं का मानना है कि यहाँ मरना और “पवित्र” गंगा नदी के किनारे दाह संस्कार करना एक व्यक्ति को पुनर्जन्म के चक्र को तोड़ने और मोक्ष प्राप्त करने की अनुमति देता है, [14] जो इसे तीर्थ यात्रा का प्रमुख केंद्र बनाता है। यह शहर अपने कई घाटों के लिए जाना जाता है, नदी के किनारे पत्थर के स्लैबों में बने तटबंध जहां तीर्थयात्री अनुष्ठान करते हैं। विशेष रूप से दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा घाट, मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट, अंतिम दो हैं जहां हिंदू अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करते हैं। वाराणसी में हिंदू वंशावली रजिस्टर यहां रखे गए हैं।
सारनाथ
सारनाथ संग्रहालय • अशोक स्तम्भ धर्मराजिका स्तूप • मूलगंध कुटी विहार • चौखंडी स्तूप • डीयर पार्क • धमेख स्तूप.
सारनाथ में अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार इत्यादि दर्शनीय हैं। भारत का राष्ट्रीय चिह्न यहीं के अशोक स्तंभ के मुकुट की द्विविमीय अनुकृति है। मुहम्मद गोरी ने सारनाथ के पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया था। सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया। उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया। वर्तमान में सारनाथ एक तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है।

जौनपुर
अटाला मस्जिद • जामी मस्जिद • झंझीरी मस्जिद • लाल दरवाज़ा मस्जिद
जौनपुर एक ऐतिहासिक शहर है। मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर वाराणसी से 58 किलोमीटर और प्रयागराज से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था। वर्तमान राज्य उत्तर प्रदेश जौनपुर सल्तनत के अंतर्गत आता था, जिसपर शर्की शासक जौनपुर से शासन करते थे, जौनपुर का पुराना नाम देवनगरी था (इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है) शर्की शासकों ने इसपर कब्जा करके इसका नाम देवनगरी से जौनपुर में परिवर्तित कर दिया। अवधी यहाँ की मुख्य भाषा है.

मेरठ
देखने लायक स्थल :- पांडव क़िला (लाक्षागृह) • शहीद स्मारक • राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय • शाहपीर मक़बरा • सेन्ट जॉन चर्च • नंगली तीर्थ • सूरज कुंड • जामा मस्जिद • आबू मक़बरा • विक्टोरिया पार्क • कालीपलटन मंदिर • पंजाब रेजिमेन्ट गुरुद्वारा • कम्पनी बाग़ • माल रोड़ • शहीद स्मारक माल रोड़ • बीस शिलालेख • जैन श्वेतांबर मंदिर • हस्तिनापुर तीर्थ • रोमन कैथोलिक चर्च • द्रौपदी की रसोई • हस्तिनापुर अभ्यारण्य • सरधना • बेगम का महल • रेसकोर्स.
मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है।

बहराइच
देखने लायक स्थल :- चित्तूर झील • जंगलीनाथ मंदिर • सीता दोहर झील • कैलाशपुरी बांध • कतरनी अभयारण्य.
बहराइच (Bahraich) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। बहराइच पूर्व-मध्य उत्तर प्रदेश और नेपाल के नेपालगंज और लखनऊ के बीच रेलमार्ग पर स्थित है। तहसील और 14 विकास खंड (ब्लाॅक) हैं। जनपद ने स्वतंत्रता आंदोलनोंं में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया है। महाराजा सुहेलदेव की गौरवगाथा इसी मिट्टी पर घटित हुई।
सीतापुर
देखने लायक स्थल :- नैमिषारण्य • हरगांव • ललिता देवी मंदिर • बिसवाँ • बाड़ी.

सीतापुर की जनसंख्या 2011 में 177000 थि
सीतापुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक शहर और सीतापुर जिले में एक नगरपालिका बोर्ड है। [१] यह लखनऊ मंडल में है। यह शहर लखनऊ और शाहजहाँपुर के बीच में सरयू नदी के तट पर स्थित है, और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 द्वारा राज्य की राजधानी लखनऊ से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश भारत में, इसे सीतापुर के रूप में लिखा गया था और यह एक छावनी थी, जो एक हिस्से से जुड़ी थी। एक ब्रिटिश रेजिमेंट की। नाम के लिए पारंपरिक मूल भगवान राम की पत्नी सीता से राजा विक्रमादित्य द्वारा कहा गया है

फ़ैज़ाबाद ( अयोध्या )

देखने लायक स्थल :- कलकत्ता क़िला, नागेश्वर मंदिर, राम जन्मभूमि, सीता की रसोई, अयोध्या तीर्थ, गुरुद्वारा ब्रह्मकुण्ड और गुप्तार घाट , गुलाब बाड़ी ,तथा बहुबेगम का मकबरा , यहां के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। छावनी छेत्र से लगा हुआ गुप्तार घाट में अवस्थित श्री अनादि पंचमुखी महादेव मन्दिर नगरवासियों की आस्था का केन्द्र हैI
फैजाबाद भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले का एक प्रमुख शहर है, जो अयोध्या शहर के साथ मिला हुआ एक नगर निगम है। भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। इस शहर को अवध के नवाब द्वारा बसाया गया था। यह 6 नवंबर 2018 तक फैजाबाद जिला और फैजाबाद मंडल का मुख्यालय था, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अयोध्या के रूप में फैजाबाद जिले का नाम बदलने और जिले के प्रशासनिक मुख्यालय को अयोध्या शहर में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी। फैजाबाद राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर पूर्व में सरयू नदी के तट पर स्थित है। यह अवध के नवाबों की पहली राजधानी थी और इसमें नवाबों द्वारा निर्मित स्मारक हैं, जैसे बहू बेगम, गुलाब बारी का मकबरा।

मिर्ज़ापुर

देखने लायक स्थल :- टांडा जलप्रपात • लहोरियादह. तारकेश्वर महादेव. महा त्रिकोण. शिवपुर. सीता कुंड. चुनार किला. गुरूद्वारा बाग. पुण्यजल नदी. टंडा जलप्रपात. कांतित शरीफ. गुरूद्वारा गुरू दा बाघ. रामेश्वर महादेव मंदिर.
भारत का अंतराष्ट्रीय मानक समय मिरजापुर जिले के अमरावती चौराहा के स्थान से लिया गया है मिरजापुर “लालस्टोन” के लिये बहुत विख्यात है प्राचीन समय में इस स्टोन का मौर्य वंश के राजा सम्राट् अशोक के द्वारा बौद्ध स्तुप को एवं अशोक स्तम्भ(वर्तमान में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह ) को बनाने में किया था मिरजापुर के लोगों की भाषा हिन्दी एवं भोजपुरी है जबकि गांवों में दक्षिणी अवधी बोली जाती है। मिरजापुर में एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है।

कुशीनगर
देखने लायक स्थल :- निर्वाण स्तूप • परिनिर्वाण मन्दिर. महानिर्वाण मंदिर. माथाकुंवर मंदिर .रामाभर स्तूप. आधुनिक स्तूप. बौद्ध संग्रहालय.

यहाँ कई देशोंं के अनेक सुन्दर बौद्ध मन्दिर हैं। इस कारण से यह एक अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है जहाँ विश्व भर के बौद्ध तीर्थयात्री भ्रमण के लिये आते हैं। यहाँ बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुद्ध इण्टरमडिएट कालेज, प्रबुद्ध सोसाइटी,भिक्षु संघ, प्रबुद्ध एक्युप्रेशर सेन्टर, चन्दमणि निःशुल्क पाठशाला, महर्षि अरविन्द विद्या मंदिर तथा कई छोटे-छोटे विद्यालय भी हैं। कुशीनगर के आस-पास का क्षेत्र मुख्यतः कृषि-प्रधान है। जन-सामन्य की बोली भोजपुरी है। यहाँ गेहूँ, धान, गन्ना आदि मुख्य फसलें पैदा होतीं हैं।

गोंडा
देखने लायक स्थल :- जमदग्निकुण्ड • दुखहरन नाथ मन्दिर • पृथ्वीनाथ मन्दिर.

यह भारत के प्रान्त उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख जिला गोंडा जिले का मुख्यालय है जो पूर्व में बस्ती, पश्चिम में बहराइच, उत्तर में बलरामपुर तथा दक्षिण में बाराबंकी और फैजाबाद से घिरा हुआ है। यहाँ की जिला जेल में काकोरी काण्ड के एक प्रमुख क्रान्तिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को निर्धारित तिथि से दो दिन पूर्व १७ दिसम्बर १९२७ को बेरहम ब्रिटिश सरकार द्वारा फाँसी दी गयी थी।
आगरा
देखने लायक स्थल :- ताजमहल • फ़तेहपुर सीकरी • लाल क़िला • जोधाबाई का महल • सिकंदरा • जामा मस्जिद • एतमादुद्दौला का मक़बरा • चीनी का रोज़ा • मेहताब बाग़ • दयाल बाग़, आगरा.
आगरा भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर स्थित एक नगर है। यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के २०६ किलोमीटर (१२८ मील) दक्षिण में स्थित है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार 15 85 804 ( पंद्रह लाख पंचासी हजार आठसो चार ) की जनसंख्या के साथ आगरा उत्तर प्रदेश का चौथा और भारत का 23 वां सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है।
लखनऊ
देखने लायक स्थल :- घंटाघर • चारबाग़ रेलवे स्टेशन • छोटा इमामबाड़ा • जामा मस्जिद • पिक्चर गैलरी लखनऊ • बड़ा इमामबाड़ा • बनारसी बाग़ • मोती महल • रूमी दरवाज़ा • रेसीडेंसी संग्रहालय • कालका बिन्दादीन ड्योढ़ी • प्रांतीय हाइजीन इंस्टीट्यूट • लाल बारादरी ‎• बटलर पैलेस • लाल पुल • छतर मंज़िल • अकबरी दरवाज़ा • शेर दरवाज़ा.

लखनऊ शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है।

लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को “नवाबों के शहर” के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं।
हरदोई
देखने लायक स्थल :- हरदोई पर्यटन • साण्डी पक्षी अभयारण्य • श्रवण देवी मंदिर • सर्वोदय आश्रम टडियांवा • विक्टोरिया भवन • सकहा शंकर मंदिर • गाँधी भवन• हत्याहारण तीर्थ.

हरदोई जिले की पूर्वी सीमा गोमती नदी बनाती है। उत्तर-पश्चिम में शाहजहाँपुर से रामगंगा मे मिलने वाली एक छोटी नदी अलग करती है इसके बाद रामगंगा इसकी दक्षिणी सीमा बनाते हुए संग्रामपुर के पास गंगा मे मिल जाती है और इस प्रकार गंगा इसकी पश्चिमी सीमा बनाती है इसके उत्तर में खीरी लखीमपुर है,दक्षिण में लखनऊ व उन्नाव जिले हैं। वस्तुतः गंगा तथा गोमती के बीच एक लगभग सम्भुजाकार आकृति बनती है उत्तर -पश्चिम से दक्षिण -पूर्व की अधिकतम दूरी लगभग १२५ किमी और औसत चौड़ाई लगभग ७४ किमी है। हरदोई की एक भौगोलिक विशेषता है इसका विशाल ऊसर जो जिले के मध्य से रेलवे लाइन के दोनो ओर सण्डीला से शहाबाद तक फ़ैला है हरदोई पूर्णतया समतल है सबसे ऊँचा स्थान गोमती नदी के पासपिहानी है जिसकी समुद्र तल से ऊँचाई 149.35 मीटर (४९० फ़ीट) है।

कौशांबी
देखने लायक स्थल :- शीतला माता मन्दिर. प्रभाषगिरी. दुर्गा देवी मंदिर. श्री राम मंदिर.

कौशांबी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। 4 अप्रैल 1997 को इलाहाबाद से अलग होकर अलग जिला बना।मंझनपुर इसका मुख्यालय है। बौद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशांबी उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। कौशांबी, बुद्ध काल की परम प्रसिद्ध नगरी, जो वत्स देश की राजधानी थी। इसका अभिज्ञान, तहसील मंझनपुर ज़िला इलाहाबाद में प्रयाग से 24 मील पर स्थित कोसम नाम के ग्राम से किया गया है। इस जिले में स्थितभरवारी सबसे घनी आबादी वाला छोटा सा शहर है जो कि खरीदारी के लिए मशहूर है। सबसे नजदीक वाला रेलवे स्टेशन भरवारी ही है जहां पर महाबोधि जैसी सुपरफास्ट ट्रेन का स्टॉपेज है;इसके अलावा सिराथू,खागा भी है। सैनी,खागा बस स्टॉप भी है जो कि कौशांबी को बुद्ध सर्किट से जोड़ता है ।ऐतिहासिक दृष्टि से भी कौशांबी काफी महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में *शीतला माता मंदिर है (जो शीतला धाम कड़ा में स्थित है; जो 51 शक्ति पीठों में शामिल है,यहां नित्य प्रति दिन भक्तो की भारी भीड़ दर्शनों एवं मंदिर के तट पर स्थित मां गंगा में स्नान के लिए दूर दराज से आते हैं),भैरव नाथ मंदिर,ऐतिहासिक राजा जय चंद का किला,संत मलूक दास का निवास स्थान,ख्वाजा कड़क शाह की मजार*, दुर्गा देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और राम मंदिर,बौद्ध जैन मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशांबी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व जैनों का पुराना केंद्र है। पहले यह जगह वत्स महाजनपद के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि बुद्ध छठें व नौवें वर्ष यहाँ घूमने के लिए आए थे। जिले का मुख्यालय मंझनपुर में है। 3 तहसीलें है – सिराथू,मंझनपुर और चायाल। पुराणों के अनुसार हस्तिनापुर नरेश निचक्षु ने, जो राजा परीक्षित के वंशज (युधिष्ठिर से सातवीं पीढ़ी में) थे, हस्तिनापुर के गंगा द्वारा बहा दिए जाने पर अपनी राजधानी वत्स देश की कौशांबी नगरी में बनाई थी—अधिसीमकृष्णपुत्रो निचक्षुर्भविता नृपः यो गंगयाऽपह्नते हस्तिनापुरे कौशंव्यां निवत्स्यति। इसी वंश की 26वीं पीढ़ी में बुद्ध के समय में कौशांबी के राजा उदयन थे। गौतम बुद्ध के समय में कौशांबी अपने ऐश्वर्य के मध्याह्नाकाल में थी। जातक कथाओं तथा बौद्ध साहित्य में कौशांबी का वर्णन अनेक बार आया है। कालिदास, भास और क्षेमेन्द्र कौशांबी नरेश उदयन से संबंधित अनेक लोककथाओं की पूरी तरह से जानकारी थी।

बुलन्दशहर
देखने लायक स्थल :- बेलोन मंदिर • कर्णवास • अहर • सिकंदराबाद वगेरे

बुलन्दशहर (Bulandshahr) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलन्दशहर ज़िले में स्थित एक
नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है.
बुलन्दशहर का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिबरन नाम के राजा ने की थी। बुलन्दशहर पर उन्होंने बरन टॉवर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का भी निर्माण कराया था जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है इस किले के चारों ji ओर सुरक्षा के लिए नहर का निर्माण भी था जिसमें इस ऊपर कोट के पास ही बहती हुई काली नदी के जल से इसे भरा जाता था। ब्रिटिश काल में यहाँ राजा अहिबरन के वंशज राजा अनूपराय ने भी यहाँ शासन किया जिन्होंने अनूपशहर नामक शहर बसाया उनकी शिकारगाह आज शिकारपुर नगर के रूप में प्रसिद्ध है। मुगल काल के अंत और ब्रिटिश काल के उद्भव समय में जनपद में ही मालागढ़ रियासत, छतारी रियासत व दानपुर रियासत की भी स्थापना हो चुकी थी जिनके अवशेष आज भी जनपद में विद्यमान है। दानपुर रियासत का नबाब जलील खान था और छतारी रियासत ब्रिटिश परस्त रही।

कानपुर
देखने लायक स्थल :- राधा कृष्ण मंदिर • कानपुर संग्रहालय • फूल बाग़. जाजमऊ. श्री राधाकृष्ण मंदिर. जैन ग्लास मंदिर. कमला रिट्रीट. फूल बाग. एलेन फोरस्ट ज़ू. कानपुर मैमोरियल चर्च. ना

कानपुर (IAST:Kānapura , kānpur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर नगर ज़िले में स्थित एक औद्योगिक महानगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 80 किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का सन्देश देता है.

बरेली
देखने लायक स्थल :- लक्ष्मीनारायण मंदिर, बरेली शरीफ दरगाह, बरेली स्काईलाइन, बरेली जंक्शन के पास एक धर्मशाला, झुमका चौक, वगेरे.

बरेली शहर को नाथ नगरी के नाम से भी जाना जाता है (बरेली क्षेत्र में स्थित सात शिव मंदिरों के लिए – धोपेश्वर नाथ, मढ़ी नाथ, अलख नाथ, तपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ, पशुपति नाथ और त्रिपति नाथ) और ऐतिहासिक रूप से संजयश्री के रूप में। (जहां बुद्ध, तुशिता से पृथ्वी पर आए थे)।

• उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह

1 राजकीय चिन्ह: मछली एवं तीर कमान
2 राज्य पशु – बारहसिंघा

अंग्रेजी नाम : स्वैम्प डियर
हिन्दी नाम : बारहसिंघा
वैज्ञानिक नाम : रूसरवस डुवाओसेली

3 राज्य मछली – मोय, चीतल
अंग्रेजी नाम : चीतल
हिन्दी नाम : मोय, चीतल
वैज्ञानिक नाम : चिताला
4 राज्य पक्षी – सारस
अंग्रेजी नाम : सारस, क्रेन
हिन्दी नाम : सारस
वैज्ञानिक नाम : ग्रूस एंटीगोन
5 राज्य वृक्ष – अशोक
अंग्रेजी नाम : अशोक
हिन्दी नाम : अशोक
स्थानीय नाम : सीता अशोक
वैज्ञानिक नाम : सराका असोका
6 राज्य पुष्प – पलाश, ढाक, टेसू
अंग्रेजी नाम : फ्लेम ऑफ़ द फॉरेस्ट
हिन्दी नाम : पलाश, ढाक, टेसू
वैज्ञानिक नाम : ब्यूटिया मोनोस्पर्मा

राजकीय चिन्ह: मछली एवं तीर कमान
इसमें एक वृत्त में ऊपर धनुष, बीच में बहती गंगा-यमुना नदियां और नीचे दायें-बायें दो मछलियाँ हैं।
राज्य पशु – बारहसिंघा
इसका अंग्रेजी नाम स्वैम्प डियर और वैज्ञानिक नाम रूसरवस डुवाओसेली है। इस जीव की ऊँचाई 130-135 सेमी, वजन लगभग 180 किग्रा तथा सींगों की औसत लम्बाई 75 सेमी. होती है।
राज्य मछली – मोय, चीतल
इसका अंग्रेजी नाम चीतल और वैज्ञानिक नाम चिताला है। यह भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कोसी, गोमती, गेरुआ, सतलुज, केन, बेतवा एवं महानदी नदियों में पायी जाती है। इसकी अधिकतम लम्बाई 150 सेमी. एवं अधिकतम वजन 14 किग्रा. होता है।
राज्य पक्षी – सारस
इसका अंग्रेजी नाम सारस, क्रेन और वैज्ञानिक नाम ग्रूस एंटीगोन है। यह लगभग 6 फीट ऊँचाई तथा 8 फीट तक पंखों के विस्तार के साथ कद में उड़ने वाले पक्षियों में सबसे ऊँचा पक्षी है। सारस उत्तरी एवं केन्द्रीय भारत, पाकिस्तान तथा नेपाल देश में पाए जाते है।
राज्य वृक्ष – अशोक
इसका अंग्रेजी नाम अशोक और वैज्ञानिक नाम सराका असोका है। स्थानीय भाषा में इसे सीता अशोक भी कहा जाता है। सामान्यतः यह वृक्ष सघन छत्र होने के कारण उद्यानों, मार्गों के किनारे, आवास परिसरों व मंदिरों में लगाये जाते हैं।
राज्य पुष्प – पलाश, ढाक, टेसू
इसका अंग्रेजी नाम फ्लेम ऑफ़ द फॉरेस्ट और वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा है। इसके डेढ़ से दो इंच आकार के नारंगी लाल रंग के पुष्प फरवरी से मार्च के मध्य निकलते हैं।

उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ

उत्तर प्रदेश की प्रमुख अनुसूचित जनजातियाँ बुक्सा, थारू, राजी, जौनसारी, खरवार , महिगीर, गोंड, राजगोंड, सहरिया, पहरिया, बैगा, पांखा, ओझा, धुरिया, नायक, पथारी, अगरिया, पटारी, चेरो, भुइया आदि है|
थारू जनजाति (Tharu Tribes)
• थारू जनजाति उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एवं तराई क्षेत्र में निवास करती है।
• ये किरात वंश (Kirat Dynasty) के हैं तथा कई उपजातियों में विभाजित हैं।
• कुछ विद्वानों के विचार से ‘थार’ का तात्पर्य है ‘मदिरा’ और ‘थारू’ का अर्थ ‘मदिरापान करने वाला’। चूंकि ये मदिरा का सेवन पानी की
तरह करते हैं, अतः थारू कहलाते हैं।
• कुछ विद्वानों का कहना है कि थारू जाति के लोग राजपूताना के ‘थार मरुस्थल से आकर यहाँ बसे हैं’ अतः थारू कहलाते हैं।
• थारू जाति के लोग कद में छोटे, चौडी मुखाकृति और पीले रंग के होते हैं। पुरुषों से स्त्रियाँ कहीं अधिक आकर्षक और सुन्दर होती हैं।
• थारू पुरुष लंगोटी की भाँति धोती लपेटते हैं और बड़ी चोटी रखते हैं, जो हिन्दुत्व का प्रतीक है।
• थारू स्त्रियाँ रंगीन लहँगा, ओढ़नी, चोली और बूटेदार कुर्ता पहनती हैं।
• थारू जाति के लोग अपना घर मिट्टी और ईंटों का नहीं बनाते हैं। इनके मकान लकड़ी के लट्ठों और नरकुलों के द्वारा बनाये जाते हैं।
• थारूओं का भोजन मुख्य रूप से चावल है। मछली, दाल, गाय-भैंस का दूध, दही तथा जंगल से आखेट किये जन्तुओं का माँस भी खाते हैं।
ये सूअर और मुर्गी पालते हैं और उनका माँस व अण्डे भी प्रयोग करते हैं।
• थारुओ द्वारा बजहर नामक त्यौहार मनाया जाता है दीपावली को ये शोक पर्व के रूप में मनाते है , थारू जनजाति द्वारा होली के मौके पर
खिचड़ी नृत्य किया जाता है
• थारू जनजाती के लोगो में बदला विवाह प्रथा तथा तीन टिकठी विवाह प्रथा प्रचलित है , थारुओ में दोनों पक्षो से विवाह तय हो जाने को पक्की
पोड़ी कहा जाता है
• उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर 1980 को थारू विकास परियोजना का प्रारंभ किया गया
बुक्सा जनजाति (Buksa Tribe)
• बुक्सा अथवा भोक्सा जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में छोटी-छोटी ग्रामीण बस्तियों में निवास करती है।
• बुक्सा जनजाति के लोगों का कद और आँखें छोटी होती हैं। उनकी पलकें भारी, चेहरा चौड़ा एवं नाक चपटी होती है। कुल मिलाकर इनका
सम्पूर्ण चेहरा ही चौड़ा दिखाई देता है। जबड़े मोटे और निकले हुए तथा दाढ़ी और मूंछे धनी और बड़ी होती हैं।
• बुक्सा लोग प्रमुख रूप से हिन्दी भाषा बोलते हैं। इनमें जो लोग लिखना-पढ़ना जानते हैं वे देवनागरी लिपि का प्रयोग करते हैं।
• इनका मुख्य भोजन मछली व चावल है। इसके अलावा ये लोग मक्का व गेहूँ की रोटी और दूध-दही का प्रयोग करते हैं। इन लोगों में बन्दर,
गाय और मोर का माँस खाना वर्जित होता हैं।
• बुक्सा पुरुषों की वेशभूषा में धोती, कुर्ता, सदरी और सिर पर पगड़ी धारण करते हैं। नगरों में रहने वाले पुरुष गाँधी टोपी, कोट, ढीली पेन्ट

और चमड़े के जूते, चप्पल आदि पहनते हैं। स्त्रियाँ पहले गहरे लाल, नीले या काले रंग की छींट का ढीला लहंगा पहनती थीं और चोली
(अंगिया) के साथ ओढ़नी (चुनरी) सिर पर पहनती थीं, लेकिन अब स्त्रियों में साड़ी, ब्लाउज, स्वेटर एवं कार्कीगन का प्रचलन सामान्य हो गया
है।
• उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति विकास परियोजना 1983-84 में प्रारंभ की गयी

• जौनसारी समुदाय के मुख्य त्यौहार बिस्सू (बैसाखी) , पंचाई (दशहरा), दियाई (दिवाली), नुणाई , अठोई आदि है ये दीपावली को एक माह
बाद मनाते है
• हारुल, रासों, घुमसू , झेला, धीई, तांदी, मरोज , पौणाई आदि इनके प्रमुख्य नृत्य है

माहीगीर जनजाति (Mahigeer Tribal)
• माहीगीर आदिवासी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद क्षेत्र में निवास करते हैं।
• माहीगीर जनजाति मछुआरे हैं तथा उन्हीं से अपना सम्बन्ध बताते हैं।
• इस जनजाति के लोगों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया है।
• माहीगीर जनजाति अपने ही समुदाय में विवाह करती है।
• इस जनजाति का मख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है।
• इस जनजाति में शिक्षा का काफी अभाव है।
खरवार जनजाति (Kharwar Tribe)
• उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में खरवार जनजाति निवास करती है। इनका मूल क्षेत्र बिहार का पलामू और अठारह हजारी क्षेत्र है।
• खरवार जाति के लोग साधारणतः टेहुन तक धोती, बंडी एवं सिर पर पगड़ी पहनते हैं तथा स्त्रियाँ साड़ी पहनती हैं। इनके आभूषणों में हैकल,
हँसुली, बाजूबन्द, कड़ा, नथिनी, बरेखा, गुरिया या नँगा की माला आदि मुख्य हैं।
• खरवार जनजाति मुख्यतः हिन्दू धर्म के रीति रिवाजों का पालन करती है।
• खरवार जनजाति के लोग माँसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के होते हैं।

उत्तर प्रदेश का निम्न क्षेत्रों में प्रथम स्थान

1. कुल पशुधन
2. दुग्ध उत्पादन
3. आम उत्पादन
4. आंवला उत्पादन
5. कुल सिंचित क्षेत्र
6. कुल नलकुप सिंचित क्षेत्र
7. कुल नहर सिंचित क्षेत्र
8. जनसँख्या
9. बैंक शाखाएं
10. डाकघर
11. समाचार पत्र
12. खाद्द्यान
13. गेहू
14. गन्ना
15. आलू
16. मसूर
17. हल्दी
18. पिपरमिंट
19. कांच की बालू
20. डायस्पोर
21. रेलमार्ग (कुल लम्बाई)
22. राष्ट्रीय राजमार्ग (कुल लम्बाई)

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शोध संस्थान
1. सेंट्रल पल्प एवं पेपर रिसर्च इंस्टिट्यूट – सहारनपुर
2. सेंट्रल आलू रिसर्च स्टेशन – मेरठ
3. केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान – मथुरा
4. केंद्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान व प्रसार केंद्र – खुर्जा
5. नेशनल अकेडमी ऑफ़ स्टेटिस्टिकल एडमिनिस्ट्रेशन – GB नगर
6. सेंट्रल लेप्रोसी इंस्टिट्यूट – आगरा
7. भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान – कानपुर
8. सेंट्रल टेक्सटाइल इंस्टिट्यूट – कानपुर
9. राष्ट्रीय चीनी अनुसंधान संस्थान – कानपुर
10. भारतीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान – कानपुर
11. जे के कैंसर संस्थान – कानपुर
12. नेशनल बायो फ़र्टिलाइज़र डेवलपमेंट सेण्टर – गाज़ियाबाद
13. कपडा रिसर्च इंस्टिट्यूट – गाज़ियाबाद
14. भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान – इज्जतनगर (बरेली)
15. केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान – इज्जतनगर (बरेली)
16. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी – रायबरेली
17. पान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र – महोबा
18. भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान केंद्र – झांसी
19. भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान – भदोही
20. केंद्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान – इलाहबाद
21. हरिश्चंद्र अनुसंधान संस्थान – इलाहाबाद
22. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान – इलाहाबाद
23. भारतीय हथकरघा तकनीकी संस्थान – वाराणसी
24. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी – वाराणसी
25. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च – वाराणसी
26. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ शुगरकेन रिसर्च – लखनऊ
27. भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान – लखनऊ
28. राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान – लखनऊ
29. केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान – लखनऊ
30. बीरबल साहनी इंस्टीटुए ऑफ़ पैलियोबॉटनी – लखनऊ
31. इंडियन टेक्नोलॉजिकल रिसर्च सेंटर – लखनऊ
32. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान – लखनऊ
33. कृषि अनुसंधान परिषद् – लखनऊ
34. अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन – लखनऊ
35. राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र – झांसी
36. वी वी गिरी नेशनल लेबर इंस्टिट्यूट – नॉएडा
37. राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसंधानशाला – लखनऊ
38. न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान – लखनऊ
39. गोविंदा बल्लभ पंत सामजिक विज्ञान संस्थान – इलाहाबाद
40. राष्ट्रीय उद्धमिता एवं लघु उद्योग विकास संस्थान – नॉएडा

उत्तर प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय
भारत मे 45 केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं। इनमे से 40 केन्द्रीय विश्वविद्यालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं एवं कृषि मंत्रालय, जहाज़रानी मंत्रालय, विदेश मन्त्रालय के अंतर्गत एक-एक केंद्रीय विश्वविद्यालय आते हैं।जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय सबसे पुराना है। यह भारत का चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।

1. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी – 1916

2. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ – 1920

3. डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ – 1996

4. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद – 1887

5. राजीव गाँधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय, रायबरेली – 2013

6. रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी – 2014

• उत्तर प्रदेश के लघु और कुटीर उद्योग

उद्योग स्थान

दरी निर्माण (Carpet Work) बरेली, आगरा, अलीगढ़, इटावा, मिर्जापुर, शाहजहॉपुर
साबुन उघोग (Soap Industry) कानपुर, आगरा, मोदीनगर, गाजियाबाद, मेरठ
गलीचा निर्माण (Rug Works) आगरा, वाराणसी, भदेाही, मिर्जापुर
चीनी मिटटी के बर्तन (Chinese Pottery) खुर्जा, गाजियाबाद
दिया सलाई उघोग (Matchmaker Industry) बरेली, सहारनपुर, इलाहाबाद, मेरठ, रामपुर
टार्च निर्माण (Torch Work) लखनऊ
रंग रोगन व वार्निश निर्माण (Color Lacquer and Varnish Making) कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद, मोदीनगर, बरेली, लखनऊ
कम्बल निर्माण (Blankets Work)
मुजफर नगर, नजीबाबाद, लाबड(मेरठ)
हथकरघा सूती वस्त्र् (Handloom Cotton Work) मेरठ, देवबन्द, धामपुर, सिकन्दराबाद, टॉडा, मगहर, मऊ, मुबारकपुर
नल के पाईप (Tap Pipe) इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ
सिगरेट निर्माण (Cigarette Manufacturing) सहारनपुर, गाजियाबाद
औषधि निर्माण (Drug work) कानपुर, झॉसी, लखनऊ, सहारनपुर
लकडी का फर्नीचर (Wood Furniture) हाथरस, वाराणसी, सहारनपुर, बरेली
लकडी पर नक्काशी (Wood Carving)
सहारनपुर और नगीना
लकडी के खिलौने (Wooden Toys) लखनऊ और वाराणसी
पीतल और कलई के बर्तन (Brass and Tinware) वाराणसी, मिर्जापुर, फर्रूखाबाद, हाथरस, अतरौली, मुरादाबाद, शामली, हापुड और बडौत
खेल के सामान (Sporting Goods) आगरा , मेरठ
बर्तनों पर कलई और नक्काशी (Galvanize on Pottery and Carvings) मुरादाबाद और मिर्जापुर
बेंत व छडियॉ (Cane and Cdiyo) बरेली
लोहे के बॉट (Iron Bot) सहारनपुर और आगरा
पीतल की मुर्तियॉ (Brass idol) मथुरा
इत्र् व सुगन्धित तेल (Itrr and Aromatic Oils) कन्नौज, गाजीपुर, जौनपुर, लखनऊ, इलाबाद
जरी और चिकन पर गोटे का काम (Brocade and Lace Work on Chicken) लखनऊ व वाराणसी
पीतल के ताले, सरौते, चाकू, कैचियॉ, छूरे (Brass Locks, Srute, Snife, Kaciyo, Knives) हाथरस, मथुरा, अलीगढ, मेरठ
बिस्कुट (Biscuit)
मोदीनगर, आगरा व अलीगढ

मिटटी के खिलौने (Clay Toys) आगरा
हाथ से कागज बनाना (Making Paper by Hand) मथुरा, काल्पी, कागजी, सराय
इत्र् व सुगन्धित तेल (Itrr and Aromatic Oils) कन्नौज, गाजीपुर, जौनपुर, लखनऊ, इलाबाद

• उत्तर प्रदेश के पार्क एंड सिटी

स्थल/पार्क/सिटी का नाम स्थान
नालेज पार्क ग्रेटर नोएडा
लेदर टेक्नोलॉजी पार्क बंथरा (उन्नाव)
एयररेल एवं होंजरी पार्क कानपुर
ट्रॉनिंग सिटी गाजियाबाद, कानपुर
निकिंडा सिटी कानपुर व उन्नाव के बीच
प्लास्टिक सिटी कानपुर व जौनपुर
साइंस सिटी लखनऊ
इलेक्ट्रॉनिक सिटी नोएडा व आगरा
टॉस सिटी ग्रेटर नोएडा
साइबर सिटी कानपुर
लेदर निर्यात संवर्द्धन औद्योर्गिक पार्क आगरा
जैव प्रौद्योगिकी पार्क लखनऊ
राज्य स्तरीय सोलर पार्क लखनऊ
मेमोरी लैब लखनऊ
हैरिटेज सिटी आगया व लखनऊ
इको नॉलेज पार्क खुसरोबाग (इलाहबाद), इटावा
ट्रैफिक पार्क कानपुर
लायन सफारी पार्क इटावा
चल्ड्रेन टेक्नोलॉजी पार्क लखनऊ
डॉ. भीमराव बहुजन नायक पार्क लखनऊ
जय प्रकाश नारायण अतर्राष्ट्रीय केन्द्र लखनऊ
राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल नॉएडा
एग्रो पार्क वाराणसी व बाराबंर्की
महिला उद्यमी पार्क ग्रेटर नोएडा
मेगा फ़ूड पार्क जगदीशपुर (अमेठी)
डिस्कवरी पार्क अमेठी
प्रथम निर्यात सम्वर्द्धन औद्योगिक पार्क ग्रेटर नोएडा
सूचना प्रौद्योगिकी पार्क नोएडा, इलाहाबाद, मुरादाबाद, आगरा, लखनऊ, कानपुर व वाराणसी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास पार्क एचबीटीआई (कानपुर)
कांशीराम ग्रीन (ईको) गार्डन लखनऊ
लोहिया पार्क लखनऊ
खेल गाँव इलाहाबाद व आगरा
ग्रीन पार्क अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कानपुर
नेशनल स्पोर्ट्स अकादमी इलाहाबाद
एग्रो प्रोससिंग जोन (कृषि पार्क) लखनऊ, वाराणसी, हापुड़ व सहारनपुर

उत्तर प्रदेश के वन्य जीव विहार

1 1. चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार
2 2. किशनपुर वन्य जीव विहार
3 3. कतरनिया वन्य जीव विहार
4 4. रानीपुर वन्य जीव विहार
5 5. महावीर स्वामी वन्य जीव विहार
6 6. चम्बल वन्य जीव विहार
7 7. कैमूर वन्य जीव विहार
8 8. हस्तिनापुर वन्य जीव विहार
9 9. सोहागी वरवा वन्य जीव विहार
10 10. सोहेलवा वन्य जीव विहार
11 11. कछवा वन्य जीव विहार
12 12. पीलीभीत टाइगर रिजर्व

1. चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार
स्थान – चन्दौली
क्षेत्रफल – 87 वर्गकिमी०
स्थापना – 1957

2. किशनपुर वन्य जीव विहार
स्थान – लखीमपुर खीरी
क्षेत्रफल – 227 वर्गकिमी०
स्थापना – 1972

3. कतरनिया वन्य जीव विहार
स्थान – बहराइच
क्षेत्रफल – 410 वर्गकिमी0)
स्थापना – 1976

4. रानीपुर वन्य जीव विहार
स्थान – बॉदा
क्षेत्रफल – 230 वर्गकिमी0
स्थापना – 1977

5. महावीर स्वामी वन्य जीव विहार
स्थान – ललितपुर
क्षेत्रफल – 5.40 वर्गकिमी0
स्थापना – 1977

6. चम्बल वन्य जीव विहार
स्थान – आगरा व इटावा
क्षेत्रफल – 635 वर्गकिमी0
स्थापना – 1979

7. कैमूर वन्य जीव विहार
स्थान – मिर्जापुर एवं सोनभद्र
क्षेत्रफल – 510 वर्गकिमी0
स्थापना – 1982

8. हस्तिनापुर वन्य जीव विहार
स्थान – मेरठ, मुरादाबाद, मुजफफर नगर
क्षेत्रफल – 2073 वर्गकिमी0
स्थापना – 1986

9. सोहागी वरवा वन्य जीव विहार
स्थान – महाराजगंज
क्षेत्रफल – 428 वर्गकिमी0
स्थापना – 1987

10. सोहेलवा वन्य जीव विहार
स्थान – बहराइच एवं गोंडा
क्षेत्रफल – 452 वर्गकिमी0
स्थापना – 1987

11. कछवा वन्य जीव विहार
स्थान – वाराणसी
क्षेत्रफल – 7 वर्गकिमी0
स्थापना – 1989

12. पीलीभीत टाइगर रिजर्व
स्थान – पीलीभीत
क्षेत्रफल – 1079 वर्गकिमी0
स्थापना – 2008

उत्तर प्रदेश के प्रमुख पक्षी विहार
1 नवाबगंज पक्षी विहार (Nawabganj Bird Sanctuary)
2 समसपुर पक्षी विहार (Samaspur Bird Sanctuary)
3 लाख बहोशी पक्षी विहार (Lakh Behoshi Bird Sanctuary)
4 पटना पक्षी विहार (Patna Bird Sanctuary)
5 विजय सागर पक्षी विहार (Vijay Sagar Bird Sanctuary)
6 पार्वती आरंग पक्षी विहार (Parvati Arang Bird Sanctuary)
7 समान पक्षी विहार (Saman Bird Sanctuary)
8 ओखला पक्षी विहार (Okhla Bird Sanctuary)
9 बखीरा पक्षी विहार (Bakhira Bird Sanctuary)
10 सांडी पक्षी विहार (Sandi Bird Sanctuary)
11 सूर-सरोवर पक्षी विहार (Sur-Sarovar Bird Sanctuary)
12 सुरहाताल पक्षी विहार (Surha Tal Bird Sanctuary)
13 डा. भीम राव अम्बेडकर पक्षी विहार (Dr. Bhim Rao Ambedkar Bird Sanctuary)

नवाबगंज पक्षी विहार (Nawabganj Bird Sanctuary)
जनपद – उन्नाव
स्थापना वर्ष – 1984
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 2.25

समसपुर पक्षी विहार (Samaspur Bird Sanctuary)
जनपद – रायबरेली
स्थापना वर्ष – 1987
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 8

लाख बहोशी पक्षी विहार (Lakh Behoshi Bird Sanctuary)
जनपद – कन्नौज
स्थापना वर्ष – 1988
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 80.23

पटना पक्षी विहार (Patna Bird Sanctuary)
जनपद – एटा
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 1.11

विजय सागर पक्षी विहार (Vijay Sagar Bird Sanctuary)
जनपद – महोबा
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 2.6

पार्वती आरंग पक्षी विहार (Parvati Arang Bird Sanctuary)
जनपद – गोंडा
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 10.85

समान पक्षी विहार (Saman Bird Sanctuary)
जनपद – मैनपुरी
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 5.2

ओखला पक्षी विहार (Okhla Bird Sanctuary)
जनपद – गौतम बुद्ध नगर
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 4

बखीरा पक्षी विहार (Bakhira Bird Sanctuary)
जनपद – सन्त कबीर नगर
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 29

सांडी पक्षी विहार (Sandi Bird Sanctuary)
जनपद – हरदोई
स्थापना वर्ष – 1990
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 3

सूर-सरोवर पक्षी विहार (Sur-Sarovar Bird Sanctuary)
जनपद – आगरा
स्थापना वर्ष – 1991
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 4.1

सुरहाताल पक्षी विहार (Surha Tal Bird Sanctuary)
जनपद – बलिया
स्थापना वर्ष – 1991
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 34.13

डा. भीम राव अम्बेडकर पक्षी विहार (Dr. Bhim Rao Ambedkar Bird Sanctuary)
जनपद – प्रतापगढ़
स्थापना वर्ष – 2003
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) – 4.2

उत्तर प्रदेश के वन संसाधन
वर्ष 1998 में राष्ट्रीय वन नीति लागू होने के साथ ही 1998 में उत्तर प्रदेश वन नीति लागू हुई।

2. उत्तर प्रदेश वन निगम की स्थापना 25 नवंबर 1974 को की गयी थी।
3. उत्तर प्रदेश में अधिकतम वनावरण वाला जिला सोनभद्र (2539 km2) (37.77%) है।
4. उत्तर प्रदेश का न्यूनतम वनावरण वाला जिला संतरविदास नगर (3 km2) (0.30%) है।
5. अधिकतम वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले (घटते क्रम में) –
6. सोनभद्र (37.77%), चंदौली (22.24%), पीलीभीत (18.67%)
7. न्यूनतम वन क्षेत्र प्रतिशत वाले जिले (बढ़ते क्रम में) –
8. संत रविदास नगर (0.03%), मैनपुरी (०.51%), देवरिया (0.59%)
9. अधिकतम वन क्षेत्रफल वाले जिले (घटते क्रम में) –
10. सोनभद्र (2539 km2), खीरी (1274 km2), मिर्जापुर (805 km2)
11. न्यूनतम वन क्षेत्रफल वाले जिले (बढ़ते क्रम में) –
12. संत रविदास नगर (3 km2), मऊ (11 km2), संत कबीर नगर (14 km2)
13. विरोजा और तारपीन के तेल की प्राप्ति चीड़ वृक्ष के राल से होता है।
14. कत्था की प्राप्ति खैर वृक्ष से होती है।
15. बीड़ी बनाने हेतु तेन्दु वृक्ष के पत्तों का उपयोग किया जाता है।
16. रेलवे लाइन के स्लीपरों और इमारती लकड़ी के रूप में साल, चीड़, देवदार एवं सागौन वृक्षों का उपयोग किया जाता है।
17. उत्तर प्रदेश में सामजिक वानिकी योजना वर्ष 1976 में प्रारम्भ की गयी थी।
18. उत्तर प्रदेश में वनो को 1935 में राजकीय संपत्ति घोषित किया गया।
19. उत्तर प्रदेश में वन महोत्सव का आरम्भ जुलाई 1952 से हुआ।
20. 2007-08 से ऑपरेशन ग्रीन का सञ्चालन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।

त्तर प्रदेश में परिवहन एवं संचार

• उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम राष्ट्रीयकृत परिवहन 15 मई 1947 से प्रारम्भ हुआ।
• केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 8483 km है जो इस सन्दर्भ में देश में
प्रथम स्थान पर है।
• भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई के हिसाब से राजस्थान ( 7886 km) द्वितीय स्थान पर है।
• उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाला सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 है जो दिल्ली से कोलकाता तक जाता है।
• उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाले कुल 60 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।\
• भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 07 है जो वाराणसी से कन्याकुमारी को जाता है।
• 22-10-2013 से प्रदेश के 13 महानगरों में रेडियो टैक्सी योजना आरम्भ की गयी।
• उत्तर प्रदेश के परिवहन साधनो में सर्वाधिक लोकप्रिय साधन सड़क परिवहन है।
• उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का गठन १ जून 1972 को किया गया।
• लखनऊ योजना सड़कों के विकास से सम्बंधित है।
• यमुना एक्सप्रेस वे (ताज एक्सप्रेस वे) उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर, अलीगढ, मथुरा, हाथरस एवं आगरा जिलों से होकर गुजरता है।
• 165.53 km लम्बा यह मार्ग ग्रेटर नॉएडा को आगरा से जोड़ता है।
• आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे आगरा से लखनऊ तक निर्मित किया जाएगा। 6 लेन वाले इस एक्सप्रेस वे की लम्बाई लगभग 302 km होगी,
इसकी लागत लगभग 10000 करोड़ रूपये होगी।
• यह एक्सप्रेस वे आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर, हरदोई,उन्नाव एवं लखनऊ से गुजरेगा.

रेल परिवहन

• उत्तर प्रदेश में रेलमार्गों की कुल लम्बाई 9077 km है, जो की देश में सर्वाधिक है।
• प्रदेश में प्रथम रेलगाड़ी मार्च 1859 में इलाहाबाद से कानपुर के बीच चलाई गयी।
• उत्तर-पूर्व रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर में है।
• 2003 में इलाहाबाद को उत्तर मध्य रेलवे (NCR) का का मुख्यालय बनाया गया।
• उत्तर प्रदेश में कुल 9 रेल प्रभाग (Divisons) हैं।
• डीजल रेल इंजन बनाने का कारखाना मंडुआडीह (वाराणसी) में है।
• लालगंज (रायबरेली) में रेलवे के सवारी कोच के निर्माण का कारखाना स्थापित है।
• मुगलसराय में भारत का सर्वाधिक लम्बा रेलवे यार्ड स्थित है।
• मुगलसराय में एशिया का सबसे बड़ा विद्युत लोकोशेड भी है।
• विश्व का सबसे लम्बा रेलवे प्लेटफार्म गोरखपुर में स्थित है।

जल परिवहन

• राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 इलाहाबाद से हल्दिया के मध्य है।
• यह देश का सबसे लम्बा राष्ट्रीय जलमार्ग है।
• यह गंगा नदी से गुजरता है।
• इस जलमार्ग की कुल लम्बाई 1620 km है।

वायु परिवहन
• उत्तर प्रदेश में नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र बमरौली (इलाहबाद) में स्थित है।
• उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सामरिक महत्त्व का वायु सेना का हवाई अड्डा है।
• राष्ट्रीय पैराशूट प्रशिक्षण कॉलेज आगरा में है।
• इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड्डयन अकादमी फुसरतगंज रायबरेली में है।
• सोनभद्र जिले में आदित्य बिड़ला ग्रुप द्वारा निजी हवाई अड्डा बनाया गया है।
• झांसी एयरपोर्ट भारतीय सेना का एयरपोर्ट है।
• भारतीय वायुसेना का एयरपोर्ट बक्शी का तालाब (लखनऊ) में स्थित है।
• कुशीनगर हवाई अड्डा प्रस्तावित है।

सूचना एवं संचार
• भारत में पिनकोड प्रणाली की सुरुवात वर्ष 1972 में हुई।
• भारत में सर्वप्रथम हवाई डाक सेवा 18 फरवरी 1911 को इलाहाबाद से नैनी के मध्य प्रारम्भ हुई थी।
• भारत में टेलीग्राफ सेवा का प्रारम्भ 1854 को आगरा एवं कोलकाता के मध्य हुआ।
• उत्तर प्रदेश राज्य सूचना केंद्र लखनऊ में है।

महत्वपूर्ण प्रश्न

उत्तर प्रदेश में एक रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है
रायबरेली में
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी-8 लेन प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का विचार उत्तर प्रदेश के किन दो परस्पर अधिकतम दूरी वाले जनपदों के मध्य प्रस्तावित है?
नोएडा एवं गाजीपुर
लखनऊ योजना किस विकास से संबंधित है?
सड़क के
राज्य में ताज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कहां किया जा रहा है?
गौतम बुद्ध नगर
उत्तर प्रदेश से आरंभ होने वाला सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है
NH-7
उत्तर प्रदेश में नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण केंद्र कहां स्थित है?
इलाहाबाद (प्रयागराज में)
वाराणसी स्थित हवाई अड्डे का क्या नाम है?
बाबतपुर
उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र का मुख्यालय कहां स्थित है?
इलाहाबाद में
उत्तर पूर्वी रेलवे का मुख्यालय कहां स्थित है?
गोरखपुर में
भारतीय रेलवे ने किस प्रकार के सहयोग से बहुत परिक्रमा एक्सप्रेस आरंभ की?
उत्तर प्रदेश या बिहार सरकार के
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक विस्तार किस रेलवे का है?
उत्तर-पूर्वी रेलवे
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम गठित किया गया
1 जून 1970 को
ग्रामीण संचार सेवक योजना किस वर्ष लागू की गई?
2002 में
उत्तर प्रदेश में कितने टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित है?
3,117
एडवांस लेवल टेलीकम्युनिकेशन ट्रेनिंग सेंटर (ए.एल.टी.टी.सी) किस नगर में स्थापित है?
गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश में डाकघरों की संख्या कितनी है?
17627
डाक लाने और पहुंचाने के अलावा डाकघर द्वारा कौन सा कार्य संपन्न किया जात है?
मनी आर्डर, बैंकिंग, बीमा
किस नगर में पोस्टल स्टाफ कॉलेज इंडिया (पी.एस.सी.आई.) स्थापित है?
गाजियाबाद
भारत संचार निगम लिमिटेड की स्थापना किस वर्ष की गई?
2000 में
उत्तर प्रदेश में पिन कोड की शुरुआत किस अंक से होती है?
2
केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए किस वर्ष पिन कोड निर्धारित किया गया?
1972 में
स्पीड पोस्ट सेवा किस वर्ष प्रारंभ हुई?
1986 में
किस नगर में विदेशी उप डाकघर स्थापित है?
नोएडा
मार्च 1884 मे किन नगरो के मध्य तार संदेश भेजे जाने के साथ तार सेवा की शुरुआत हुई?
आगरा से कोलकाता
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की स्थापना किस वर्ष की गई?
1997 में
फुरसतगंज हवाई अड्डा किस स्थान पर स्थित है?
रायबरेली
खेरिया हवाई अड्डा किस स्थान पर स्थित है?
आगरा
सरसावा हवाई अड्डा किस स्थान पर स्थित है?
सहारनपुर
गोरखपुर, गाजीपुर और वाराणसी के मध्य कौन सा राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है?
राष्ट्रीय राजमार्ग-29
उत्तर प्रदेश के किस नगर में पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय स्थित है?
गोरखपुर
उत्तर प्रदेश में रेल मार्गों की कुल लंबाई कितनी है?
8,926 किलोमीटर
इलाहाबाद में स्थापित उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय किस वर्ष कार्य करना प्रारंभ किया?
2003 में
किस नगर में हवाई अड्डा विद्यालय स्थापित है?
इलाहाबाद
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-91 किन नगरों से होकर गुजरता है?
गाजियाबाद- कानपुर
डीजल लोकोमोटिव वर्क्स कहां स्थापित है?
वाराणसी में
उत्तर प्रदेश में शासन में सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राजकीय रोडवेज को कब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के नाम से गठित किया?
1 जून, 1972 को
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन महाराजगंज को कितने क्षेत्रीय भागों में बांटा गया था?
उत्तर प्रदेश में कितने नगरों में महानगर बस सेवा का संचालन होता है?

उत्तर प्रदेश के प्रमुख हवाई अड्डे

हवाई अड्डे स्थान
लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बाबतपुर हवाई अड्डा)
बाबतपुर (वाराणसी)
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (अमौसी हवाई अड्डा) अमौसी (लखनऊ)
सरसावा हवाई अड्डा सहारनपुर
हिंडन हवाई अड्डा गाजियाबाद
चकेरी हवाई अड्डा अहिरवाँ (कानपुर)
बमरौली हवाई अड्डा इलाहाबाद
फैजाबाद एयरपोर्ट फैजाबाद
ललितपुर हवाई अड्डा ललितपुर
खेरिया हवाई अड्डा आगरा
बाबा गोरखनाथ हवाई अड्डा गोरखपुर
नागरिक हवाई अड्डा कानपुर
झांसी हवाई अड्डा ( भारतीय सेना का एयरपोर्ट) झांसी
बरेली हवाई अड्डा बरेली
आईआईटी कानपुर हवाई अड्डा (कल्याणपुर हवाई अड्डा) कानपुर
इंदिरा गांधी हवाई अड्डा रायबरेली
बी आर अंबेडकर एयरपोर्ट मेरठ
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कुशीनगर
एयरपोर्ट फ्लाइंग स्कूल ( सैफई ) इटावा
ताज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (प्रस्तावित) आगरा
जेवर हवाई अड्डा (निर्माणाधीन) गौतमबुद्ध

उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति

• वर्ष 1911 में लखनऊ में राजकीय कला एवं शिल्प महाविद्यालय की स्थापना की गयी।
• 8 फरवरी 1962 को एक स्वायत्त कला संस्थान उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की स्थापना लखनऊ में की गयी।
• डॉ० सम्पूर्णानन्द उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के प्रथम अध्यक्ष थे।
• 1997 में “गैलरी डी आर्ट” नाम से एक कला दीर्घा प्रारम्भ की गयी।
• राज्य ललित कला अकादमी ने ‘कला त्रैमासिक’ नाम से पत्रिका निकाली।
• चित्रकार अमृता शेरगिल गोरखपुर की थी।
• भारत में उत्तर प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां फिल्मों का सबसे बड़ा बाजार है।
• उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1998 में फिल्म उद्योग का दर्जा दिया गया।
• उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली फिल्म नीति वर्ष 1999 में घोषित की थी।
• उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार की स्थापना वर्ष 1949 में इलाहाबाद में सेंट्रल रिकॉर्ड ऑफिस के रूप में हुई थी।
• 24 अक्टूबर 2000 को भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय को विश्वविद्यालय घोषित कर देश में इस संस्थान को संगीत शिक्षा के क्षेत्र में
अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होने का गौरव प्रदान किया।
• उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 13 नवंबर 1963 को लखनऊ में हुई थी।
• 1975 में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की स्थापना लखनऊ में हुई।
• भारतेन्दु नाट्य अकादमी उत्तर प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।
• अयोध्या शोध संस्थान (अयोध्या,फैजाबाद) की स्थापना 18 अगस्त 1986 को संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गयी।
• उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान (लखनऊ) की स्थापना वर्ष 1990 में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के अधीन स्वायत्तशासी संस्था के रूप में
की गयी।
• राष्ट्रीय कत्थक संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्वायत्तशासी संस्था के रूप में 1988-89 में हुई थी।

संगीत
• उत्तर प्रदेश के संगीत घराने इस प्रकार हैं –
आगरा घराना, फतेहपुर सीकरी घराना, बनारस घराना, सहारनपुर घराना, अतरौली घराना, किराना घराना।
• शास्त्रीय संगीत एवं तबलावादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले बनारस घराने के प्रमुख संगीतकार थे कंठे महाराज, किशन महाराज, पं०
सामता प्रसाद मिश्र तथा पं० राजन मिश्र एवं पं० साजन मिश्र।
• वाजिद अलीशाह के समय में कत्थक नृत्य एवं ठुमरी को विशेष लोकप्रियता प्राप्त हुई।
• उत्तर प्रदेश का एकमात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक है।
• विख्यात अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक पं० रविशंकर रामपुर घराने के सितार वादक उस्ताद अलाउद्दीन खां के शिष्य थे।
• उत्तर प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शहनाई वादक एवं बासुरी वादक उस्ताद स्व० बिस्मिल्ला खां तथा हरी प्रसाद चौरसिया हैं।
• तानसेन अकबर के दरबार में रहते थे तथा उन्हें ध्रुपद शैली की गायकी में महारथ हासिल थे।
• अमीर खुसरो का जन्म उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के पटियाली गाँव में 1223 में हुआ।
• अमीर खुसरो ने ईरानी संगीत रागों में प्रचलित भारतीय रागों का मिश्रण करके अनेक श्रुतिमधुर रागों का आविष्कार किया था।
• खुसरो ने ईरानी शैली की तरह कव्वाली, तराना आदि शैलियों का प्रचलन किया था।
• खुसरो ने ही तत्कालीन ध्रुपद गायन शैली में ईरानी संगीत का मिश्रण करके नई गायन शैली का निर्माण किया था जो आगे चलकर ख्याल गायन
शैली के नाम से लोकप्रिय हुई।
• जौनपुर के सुलतान हुसैन शाह शर्की ने ख्याल गायकी को व्यापक रूप से लोकप्रिय बनाने के साथ “टप्पा शैली” का प्रचलन किया।
• तानसेन ने स्वामी हरिदास से वीणावादन की शिक्षा भी प्राप्त की थी।
• गजल गायिका बेगम अख्तर फैजाबाद से सम्बंधित थी।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य

दीपावली नृत्य
बुंदेलखंडी अहीरों द्वारा दीपावली के अवसर पर प्रज्ज्वलित दीपों को सर पर रखकर किया जाता है।
कार्तिक गीत नृत्य
प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रचलित है।

चरकुला
यह नृत्य ब्रजभूमि में रथ के पहिये पर अनेक घड़ो को रखकर किया जाता है। इसे ब्रजभूमि का घड़ा नृत्य भी कहा जाता है।

रासलीला
इस राज्य में की गई रासलीला को ब्रज रासलीला के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र से उत्पन्न हुई थी। यह एक नाट्य रूप है, जो अब कई भारतीय राज्यों में किया जाता है।

छोलिया
राजपूतों में प्रचलित इस नृत्य गीत का प्रस्तुतिकरण तलवार और ढाल लेकर किया जाता है।इस गीत नृत्य को विवाह के शुभ अवसर पर आयोजित किया जाता है।

ख्याल
ख्याल उत्तर प्रदेश का एक और लोक नृत्य है, जो कई अन्य भारतीय राज्यों में एक साथ लोकप्रिय है और यह उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख लोक नृत्य के रूप में शुरू हुआ। ख़्याल में अलग-अलग शैली हैं, हर एक को शहर, अभिनय शैली, समुदाय या लेखक के नाम से जाना जाता है।

जोगिनी
अवध क्षेत्र में पुरुष नर्तकों द्वारा रामनवमी के अवसर पर सामूहिक रूप से किया जाता है।

नटवरी
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अहीरों तथा यादवों में प्रचलित नृत्य है। संगीत तथा नक्कारे की ले पर खेल मुद्राओं द्वारा किया जाने वाले नृत्य को नटवारी नृत्य कहते हैं।

नौटंकी
नौटंकी लोकगीतों और लोक गीतों और नृत्यों के साथ मिश्रित पौराणिक नाटकों से युक्त है। कई बार, नौटंकी कलाकार उन परिवारों से हैं, जो पीढ़ियों से इस पेशे में हैं।

पाई डंडा नृत्य
यह नृत्य बुंदेलखंड के अहीरों द्वारा छोटे -छोटे डंडे लेकर गुजरात के डांडिया नृत्य के समान किया जाता है।

राई नृत्य
बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा इस नृत्य को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसरपर किया जाता है। इसको मयूर की भांति किया जाता है । इसलिए यह मयूर नृत्य भी कहलाता है

दादरा
दादरा उत्तर प्रदेश का एक अत्यंत लोकप्रिय लोक नृत्य है। मुख्य रूप से यह नृत्य रूप गुप्त और यौन सुख के इर्द-गिर्द घूमता है। इस नृत्य में, गायक कलाकारों को प्लेबैक देते हैं, जो मंच पर प्रदर्शन कर रहे हैं; वे गायकों के साथ लिप-सिंक करते हैं।

धोबिया राग
धोबी जाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य।

शायरा
बुंदेलखंड के किसानों द्वारा फसल काटने के समय किया जाने वाला नृत्य।

करमा नृत्य
यह मिर्ज़ापुर और सोनभद्र जिलों में कोल जनजातियों के स्त्री एवं पुरुषों द्वारा sanyukt रूप से किया जाने वाला नृत्य हैं।

उत्तर प्रदेश के लोकगीत

रसिया लोकगीत
उत्तर प्रदेश के ब्रजभूमि क्षेत्र की गायन परम्परा है।
सोहर लोकगीत
इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।
कहारवा
यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।
चैता
यह लोकगीत प्रमुखतः फाल्गुन पूर्णिमा से चैत्र पूर्णिमा के दौरान गाये जाते हैं।

चानाय्नी
एक प्रकार का नृत्य संगीत।
नौका झक्कड़
यह नाई समुदाय में बहुत लोकप्रिय है और नाई लोकगीत के नाम से भी जाना जाता है।
आल्हा
इस लोकगीत में आल्हा-उदल की वीरता का वर्णन किया जाता है।
बनजारा और न्जावा
यह लोक संगीत रात के दौरान तेली समुदाय द्वारा गाया जाता है।
कजली या कजरी
यह महिलाओं द्वारा सावन के महीने में गाया जाता है। यह मिर्जापुर क्षेत्र में लोकप्रिय है। यह अर्द्ध शास्त्रीय गायन के रूप में भी विकसित हुआ है और इसकी गायन शैली बनारस घराना से मिलती है।
जरेवा और सदावजरा सारंगा
इस तरह के लोक संगीत लोक पत्थरों के लिए गाया जाता है।
ढोला
उत्तर प्रदेश के आगरा तथा मेरठ में प्रचलित है।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेले और उत्सव

मेले का नाम स्थान
रामनवमी मेला अयोध्या में
शाकंभरी देवी का मेला सहारनपुर में
गोविंद सागर मेला अंबेडकरनगर में
राम बारात आगरा
खिचड़ी मेला गोरखपुर
श्रावणी मेला फर्रुखाबाद
सोरो मेला कासगंज
रामनगरिया मेला फर्रुखाबाद
रामायण मेला चित्रकूट
कैलाश मेला आगरा (प्रतिवर्ष श्रावण के तीसरे सोमवार को)
परिक्रमा मेला अयोध्या
कबीर मेला मगहर ( संत कबीर नगर में)
देवी पाटन मेला बलरामपुर
कालिंजर मेला बांदा
बल सुंदरी देवी मेला अनूपशहर
गोला गोकर्ण नाथ मेला लखीमपुर खीरी
ढाई घाट मेला शाहजहांपुर
मकनपुर मेला फर्रुखाबाद
देवा मेला बाराबंकी
नौचंदी मेला मेरठ
गढ़मुक्तेश्वर मेला हापुड़
कुंभ मेला प्रयाग
बटेश्वर मेला आगरा
नैमिषारण्य मेला नैमिषारण्य, सीतापुर
कम्पिल मेला बांदा
सैयद सालार मेला बहराइच
देवछठ मेला दाऊजी ( मथुरा)
नवरात्रि मेला आगरा
गोविंद साहब मेला अतरौलिया (आजमगढ़)

प्रमुख महोत्सव

• आयुर्वेद महोत्सव – झांसी
• आगरा महोत्सव – आगरा
• बिठूर गंगा महोत्सव – कानपुर
• वरुणा महोत्सव – वाराणसी
• कजली महोत्सव – महोबा
• होली का महोत्सव – मथुरा
• त्रिवेणी महोत्सव – इलाहाबाद
• गंगा महोत्सव – वाराणसी
• वाराणसी पर्यटन उत्सव – वाराणसी
• लखनऊ महोत्सव – लखनऊ

महत्वपूर्ण याद रखने योग्य बाते

• उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 2250 मेले आयोजित किये जाते हैं ।
• सर्वाधिक मेले मथुरा (86), कानपुर – हमीरपुर (79), झांसी (78), आगरा (72) तथा फतेहपुर (70) में होते हैं।
• उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष लखनऊ, आगरा तथा वाराणसी नगरों में महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
• हिन्दू – मुस्लिम एकता के प्रतीक “सुलहकुल उत्सव” का आयोजन आगरा में किया जाता है।
• अयोध्या परिक्रमा का आयोजन रामजन्मभूमि (अयोध्या) में किया जाता है।
• उत्तर प्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला प्रयाग में लगता है।
• उत्तर प्रदेश में सबसे काम मेले पीलीभीत जिले में लगते हैं।
• दादरी के पशु मेले का आयोजन बलिया में किया जाता है।

उत्तर प्रदेश की मुख्य नाट्य संस्थाएं

• भारतीय जान नाट्य संघ – आगरा

• साधना नाट्य कला केंद्र – ग़ज़िआबाद

• यायावर – लखनऊ

• नेहरू बाल भवन – इलाहबाद

• अभिनय ज्योति – वाराणसी

उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न – UP GK Questions with Answers

• उत्तर प्रदेश का पूर्व नाम क्या था – संयुक्त प्रांत ( 1937 – 1950 )
• उत्तर प्रदेश में उर्दू को द्वितीय राजभाषा कब घोषित किया गया – 1989 ई. में
• उत्तर प्रदेश राज्य का पुनर्गठन कब हुआ – 1 नवम्बर , 1956 को
• उत्तर प्रदेश भारतीय गणतन्त्र का एक पूर्ण राज्य किस सन् में बना – 26 जनवरी 1950
• उत्तर प्रदेश में अनोपचारिक शिक्षा योजना कब आरम्भ हुई – 1975 ई. में
• उत्तर प्रदेश राज्य का विभाजन कब हुआ – 9 नवम्बर , 2000 ( 13 जिलों को काटकर उत्तराखण्ड बना )
• उत्तर प्रदेश में थारू जनजाति मुख्य रूप से किस क्षेत्र में निवास करती हैं – तराई क्षेत्र में
• उत्तर प्रदेश से लोकसभा में सीटें कितनी है – 80
• राज्य में “करमा नृत्य” किस जनजाति द्वारा किया जाता हैं – खरवार
• उत्तर प्रदेश में लोकसभा में सुरक्षित सीटों की संख्या कितनी है – 17
• उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में सीटें कितनी है – 31
• उत्तरप्रदेश के किस जिले में बैगा जनजाति निवास करती हैं – सोनभद्र
• उत्तर प्रदेश पंचायत राज संशोधन अधिनियम कब पारित किया गया – 1994 में
• उत्तर प्रदेश का विधानमंडल कैसा है – द्विसदनात्मक
• उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर सबसे अधिक समय तक रहने वाले व्यक्ति का नाम बताइए – गोविन्द बल्ल्भ पंत
• उत्तर प्रदेश में विधान मण्डल का प्रथम गठन कब हुआ – जुलाई 1937
• उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है – राज्यपाल
• उत्तर प्रदेश में विधानसभा को भंग करने का अधिकार किसे है – राज्यपाल को
• उत्तर प्रदेश की जलवायु कैसी है – उष्ण कटिबंधीय मानसूनी
• उत्तर प्रदेश का तापमान कैसा है – जनवरी – 12. 50 – 17. 50 से.ग्रे.
• उत्तर प्रदेश में वनों के अंतर्गत क्षेत्रफल कितना है – 14679 वर्ग किमी. ( 6.09 प्रतिशत )
• विश्व प्रसिद्ध ताजमहल उत्तर प्रदेश के किस नगर में स्थित है – आगरा
• उत्तर प्रदेश राज्य में वृच्छादन कितना है – 7442 वर्ग किमी. ( 3.08 प्रतिशत )
• उत्तर प्रदेश में चन्दवार का प्रसिद्ध युद्ध कब हुआ था – 1194 ई.
• उत्तर प्रदेश में वनों के कितने प्रकार है – समशीतोष्ण , उष्णकटिबंधीय , पर्णपाती तथा कंटीले वन
• उत्तर प्रदेश में खानवा का प्रसिद्ध युद्ध कब हुआ था – 1527 ई.
• उत्तर प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव कौन कौन से है – बाघ , हाथी , गैंडा , बारहसिंगा , हिरन , नीलगाय आदि
• उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध बुलन्द दरवाजा कहा स्थित है – फतेहपुर सिकरी
• उत्तर प्रदेश में चौखंडी स्तूप कहाँ स्थित है – सारनाथ
• उत्तर प्रदेश में अकबर की रानी जोधाबाई का महल कहाँ पर स्थित है – फतेहपुर सीकरी

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