School Fees

स्कूल फीस: 60 फीसदी अभिभावक बांधना चाहते हैं किस्त, 40% को सरकार से राहत की उम्मीद

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School Fees : 60 फीसदी अभिभावक बांधना चाहते हैं किस्त, 40% को सरकार से राहत की उम्मीद

एक सर्वे के अनुसार लॉकडाउन की वजह से तकरीबन 68 फीसदी से भी ज्यादा भिभावकों की आय में अंतर आया है। वहीं 40 फीसदी लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार विद्यालयों की फीस में और राहत देगी।

कोरोना संक्रमण की दर को कम करने के लिए देश में विभिन्न तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहीं छात्रों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को भी अगले आदेश तक बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी परिस्थितियों में तकरीबन 40% अभिभावकों को विद्यालयों की फीस जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह दावा हाल में गुजरात स्थित फिनटेक फर्म द्वारा किए गए सर्वे में किया जा रहा है।

68 फीसदी अभिभावकों की आय पर पड़ा असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से कई लोगों का व्यापार ठप पड़ा है, वहीं कई लोगों की नौकरी चली गई है। सर्वे के अनुसार महामारी की वजह से 68 फीसदी अभिभावकों की आय पर प्रभाव पड़ा है। ऐसे में अभिभावक बचत पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। साथ ही फीस भरने के लिए आसान किस्त की मांग कर रहे हैं।

55 फीसदी अभी नहीं देना चाहते विद्यालयों की फीस
क्रेडिन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 30,000 अभिभावकों में से केवल 50 फीसदी ने ही अपनी आर्थिक स्थिति और अन्य वित्तीय पहलुओं से संबंधित सवालों के जवाब दिए हैं। वहीं 55 फीसदी अभिभावक अपने हाथ में लिक्विडिटी रखना और विद्यालयों की फीस जमा करने में देरी करना चाहते हैं।

40 फीसदी फीस में अधिक छूट का कर रहे हैं इंतजार
सर्वे के निष्कर्षों के अनुसार, ऐसा नहीं है कि लोग फीस देने को तैयार नहीं हैं। 60 फीसदी अभिभावक स्कूल फीस भरने के लिए किस्त की सुविधा की मांग कर रहे हैं। कुछ अच्छी खबर सुनने की उम्मीद में, 40% माता-पिता फीस के भुगतान में देरी करते हैं क्योंकि वे स्कूलों और सरकार से फीस में अधिक छूट की उम्मीद कर रहे हैं।

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