cbse 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, कोर्ट में दिए गए ये तर्क
CBSE Board 12th Exam: 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका केरल के एक शिक्षक द्वारा दाखिल की गई है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (जनहित याचिका) दायर की गई है. केरल के एक शिक्षक टोनी जोसेफ ने अपनी याचिका में कहा कि परीक्षा रद्द करना छात्रों के लिए एक अनुचित निर्णय होगा. याचिका में कहा गया, “कक्षा 12 की परीक्षा एक छात्र के जीवन का एक अभिन्न अंग है और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण है.”
पिछले सप्ताह, शीर्ष अदालत में एक और याचिका में सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) द्वारा आयोजित कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को दायर करने वाली वकील ममता शर्मा का कहना है कि बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन की जगह स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित करने के लिए कोई ऑब्जेक्टिव पद्धति अपनाएं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 10वीं के एग्जाम कैंसल करने पर बोर्ड्स से मांगा जवाब
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोविड -19 महामारी के कारण 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर एसएससी, आईसीएसई और सीबीएसई बोर्डों से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति शाहरुख कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुणे के एक सेवानिवृत्त शिक्षक धनंजय कुलकर्णी की एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा रद्द करने से ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश में समस्या हो सकती है क्योंकि विभिन्न बोर्ड विभिन्न सूत्रों के आधार पर रिजल्ट घोषित करेंगे. उनके वकील उदय वरुंजीकर ने कहा, “परीक्षा रद्द करने का निर्णय, देश में दो करोड़ छात्रों के लिए समस्या पैदा करने वाला है.” केंद्र को हस्तक्षेप करना होगा और एक समान नीति के साथ आना होगा.